बिहारशरीफ, राजगीर, सिलाव, गिरियक, रहुई, नूरसराय और कतरीसराय वालों के लिए बड़ी खबर है। अब इन जगहों के प्लानिंग एरिया ( जिसे आयोजना क्षेत्र भी कहा जाता है) में शामिल गांवों में भी निर्माण के लिए नक्शा पास कराना होगा। नगर विकास विभाग ने अधिसूचना जारी कर पंचायत के दायरे में आने वाले इलाकों में भी आवासीय और व्यावसायिक निर्माण के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य कर दिया है।
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अगर बात बिहारशरीफ की करें तो बिहारशरीफ में नगर निगम है । बिहारशरीफ प्लानिंग एरिया की कुल आबादी 3,85,295 है। जबकि ये कुल 58.23 वर्ग किलोमीटर में फैला है। जिसमें 20.30 वर्ग किलोमीटर शहरी और 37.91 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। इसकी शहरी प्रशासनिक इकाई बिहारशरीफ नगर निगम है। बिहारशरीफ अयोजना क्षेत्र की बात करें तो बिहार अंचल में 19 राजस्व गांव, नूरसराय अंचल में 7 गांव और रहुई अंचल में 11 राजस्व गांव हैं। यानि इन गांवों में अगर आपको घर बनाना है या कोई गोदाम या दुकान बनाना है तो आपको पहले नगर निगम से इसका नक्शा पास करना होगा
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वहीं राजगीर प्लानिंग एरिया ( आयोजना क्षेत्र) की कुल आबादी 2,91,681 है। जबकि कुल क्षेत्रफल 517 वर्ग किलोमीटर है। जिसमें 72.70 वर्ग किलोमीटर शहरी क्षेत्र और 444.30 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। शहरी प्रशासनिक इकाई राजगीर और सिलाव में है । राजगीर अंचल में 50 राजस्व गांव हैं जबकि गिरियक अंचल में 49, सिलाव अंचल में 44 और कतरीसराय अंचल में 14 राजस्व गांव हैं ।
प्लानिंग एरिया ( आयोजना क्षेत्र) प्राधिकार के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को नक्शा पास करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वो जांच के बाद आवासीय और व्यावसायिक निर्माण को मंजूरी देंगे। विभाग ने यह आदेश प्लानिंग एरिया में हो रहे बेतरतीब निर्माण को रोकने के लिए दिया है। बिहारशरीफ को नगर निगम का दर्जा प्राप्त है। जबकि राजगीर पर्यटकों के लिहाज से महत्वपूर्ण शहर हैं। इन दोनों शहरों में अगले 20 वर्ष की जरूरतों के हिसाब से मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। यानि अब इन जगहों पर भी बेतरतीब तरीके से मकान या दुकानें नहीं बनेगी ।