बिहारशरीफ के खासगंज में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट की जांच करने खुद कमिश्नर आनंद किशोर और डीआईजी राजेश कुमार खासगंज मोहल्ला पहुंचे और मामले की छानबीन की । उन्होंने क्षतिग्रस्त घरों की नींव को जांचने के अलावा मेडिकल कैम्प लगाकर स्थानीय लोगों के कान के पर्दे चेक करवाने की घोषणा की। साथ ही यह भी बताया कि जिनके घर अधिक क्षतिग्रस्त हुये हैं, नगर निगम द्वारा उन्हें हॉउसिंग फॉर ऑल योजना के तहत सहायता दी जायेगी। कमिश्नर ने कहा कि ये दुखद घटना है। विस्फोट कैसे हुआ इसकी जांच चल रही है। फॉरेंसिक लैब का सैंपल भेजा गया है। आरोपी पहले भी इस तरह के मामले में जेल जा चुका था। मुख्य बात यह है कि आगे से इस तरह की घटनाएं नहीं हो, इसका ख्याल रखा जायेगा। इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। इस तरह की घटनाएं होने पर थाना प्रभारी जिम्मेवार होंगे। उन्होंने लोगों से अपील करते हुये कहा कि जहां भी अवैध रूप से पटाखे, पेट्रोलियम पदार्थ या अन्य किसी प्रकार का विस्फोटक सामान रखने की जानकारी मिले, उसे प्रशासन को बताये। उन्होंने बताया कि अवैध पटाखा व्यवासियों को सर्वे कर उनकी जानकारी निकाली जा रही है। अभी तक सात थोक विक्रेताओं के नाम सामने आये हैं। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। घटना के बाद क्षतिग्रस्त हुये घरों को कितना नुकसान पहुंचा है इसका सर्वेक्षण चल रहा है। ऐसे लोगों की मदद की जायेगी।
वैज्ञानिक तरीके से हो रही जांच:-
डीआईजी ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से जांच करने के लिए एफएसएल व एटीएस की टीमों ने जांच की है। किस तरह का मटेरियल था, विस्फोट कितना शक्तिशाली था, यह भी आंकड़े जुटाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मो. सरफराज अवैध पटाखा बनाने की फैक्ट्री में काम करता था। साथ ही घर पर भी कुटीर उद्योग के रूप में पटाखा बनाता था। उसके पास घटना के समय 50-50 किलो के दो ड्रम में विस्फोटक पावडर था। एक में विस्फोट हो गया। जबकि दूसरा बरामद किया गया है। इसके अलावा दो-तीन बोरा पटाखा भी मिला है। घर के अंदर फटने से विस्फोट की क्षमता बढ़ गयी थी। रिहायशी इलाके में इस तरह का कारोबार अवैध है। नालंदा के अलावा पटना में सर्वेक्षण कर इसकी जांच की जायेगी।