नए साल में बिहार के छात्रों के लिए नई उम्मीद लेकर आएगी. बिहार सरकार ने सूबे के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को शर्तों के साथ नए साल में खोलने का फैसला लिया है. इसके लिए गाइडलाइन्स भी जारी कर दिए गए हैं.
4 जनवरी से खुलेंगे शिक्षण संस्थान
बिहार में 4 जनवरी से शर्तों के साथ सभी शिक्षण संस्थान खुलेंगे. जिसमें 9वीं से 12वीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल शामिल हैं. इसके अलावा सभी विश्वविद्यालय-महाविद्यालयों की अंतिम वर्ष की कक्षाएं और सभी सरकारी प्रशिक्षण संस्थान 4 जनवरी से कई एहतियातों के साथ खुलेंगे।
ऑड ईवेन की तर्ज पर क्लास
क्लास की व्यवस्था ऑड ईवेन की तर्ज पर होगी यानि स्कूल-कॉलेज 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खुलेंगे। हर कक्षा में छात्रों की कुल क्षमता की 50 फीसदी उपस्थिति पहले दिन जबकि शेष 50 फीसदी उपस्थिति दूसरे दिन होगी। किसी कार्यदिवस में किसी कक्षा में आधे से अधिक विद्यार्थी नहीं होंगे। साथ ही स्कूल आना बाध्यकारी नहीं होगा। शेष कक्षाओं को चालू करने पर शिक्षा विभाग 18 जनवरी के बाद निर्णय लेगा।
माता पिता को लिखित देना होगा
छात्र और उनके माता-पिता को स्वस्थ होने और अद्यतन यात्रा की लिखित सूचना देनी होगी। छात्रों और शिक्षकों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होगी। स्कूल और बसों को रोजाना बच्चों के आने के पहले और जाने के पहले दो बार सेनेटाइज किया जाएगा। गाइडलाइन के मुताबिक यदि विद्यार्थी परिवार की अनुमति से घर में ही अध्ययन करना चाहते हैं तो अनुमति देनी होगी। विद्यार्थियों की स्कूल में उपस्थिति के पूर्व माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
मास्क लगाना जरुरी
स्कूल आने वाले सभी छात्र, शिक्षक और कर्मचारियों को फेस कवर या मास्क नियमित पहनना होगा।सभी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को जीविका के माध्यम से दो-दो मास्क दिए जाएंगे।
छह फीट की दूरी
कक्षाओं में दो विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था कम से कम छह फीट की दूरी पर करनी होगी। संस्थान या विद्यालय में एक सीट का बेंच-डेस्क हो तो इसे भी छह फीट की दूरी पर रखना होगा। वर्गकक्ष का साइज छोटा हो तो कम्प्यूटर रूम, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला का भी छह फीट दूरी कायम रखने में कक्षा के रूप में इस्तेमाल होगा। आगंतुक कक्ष, हाथ सफाई स्थल, पेयजल केन्द्र, टॉयलेट के बाहर जमीन पर छह फीट की दूरी पर वृत्ताकार चिह्न बनाने होंगे। शिक्षकों के लिए स्टाफ रूम, कार्यालय, आगत रूम में छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था चिह्नित हो। विद्यालयों, संस्थानों के प्रवेशद्वार से इंट्री और निकास के लिए अलग-अलग वर्गकक्ष के लिए अलग-अलग समय तय होगा, ताकि एकसाथ भीड़ न हो।
चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करनी होगी
शैक्षणिक संस्थान, विद्यालय या उसके नजदीक स्थल पर स्वास्थ्य परीक्षक, नर्स, डाक्टर, काउंसलर की उपलबधता सुनिश्चित की जाए जो छात्रों की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति की जांच के लिए उपलब्ध रहें। शैक्षिक संस्थान और विद्यालय के शिक्षक एवं छात्रों की नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही शैक्षिक संस्थान और विद्यालयों को आकस्मिक सुरक्षा के संबंध में विभिन्न टास्क टीमों का गठन करना होगा। ये टीमें सेनेटाइजेशन, साफ-सफाई, सामाजिक दूरी के लिए उत्तरदायी होंगी। इसमें शिक्षक, छात्र, विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य शामिल होंगे।
एडमिशन के समय केवल माता-पिता आएंगे
गाइडलाइन के मुताबिक नई कक्षा में नामांकन के समय केवल परिवार /अभिभावक ही रहेंगे। बच्चों को अभिभावक के साथ आने से मुक्त रखा जाएगा। नामांकन को भी ऑनलाइन संचालन की सलाह दी गई है। शैक्षणिक संस्थानों को वैसे आयोजनों से बचने को कहा गया है जहां भौतिक, सामाजिक दूरी का पालन करना संभव नहीं हो। समारोह, त्योहार आदि के आयोजन संस्थान, विद्यालय में नहीं होंगे। विद्यालय में प्रार्थना सत्र अलग-अलग कक्षाओं में की जा सकती हैं। शिक्षक-अभिभावक बैठक भी वर्चुअल होगी।
सुरक्षित ठहराव
स्कूल, कॉलेज शैक्षिक संस्थानों में सुरक्षित ठहराव को लेकर भी गाइडलाइन में उल्लेख है। सभी कर्मियों को नियमित फेस कवर, मास्क पहने रहना होगा। बच्चे एक-दूसरे से मास्क की अदला-बदली नहीं करेंगे। संस्थानों को ज्यादातर ऑनलाइन प्रस्तुति प्रक्रिया अपनाने की सलाह है। सभी स्टाफ, वर्कर के लिए ग्लव्स, फेस कवर, हाथ धोने का साबुन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। विद्यार्थी घर से ही पका-पकाया खाना लायेंगे, इसे आपस में साझा नहीं करेंगे। बाहरी वेंडरों द्वारा विद्यालय के अंदर खाद्य सामग्री की बिक्री पर रोक रहेगी। छुए जाने वाली चीजें मसलन दरवाजों की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच-डेस्क और शिक्षण सामग्री का नियमित सेनेटाइजेशन होगा। संस्थान, स्कूल खुलने के पहले और बंद होने के बाद सेनेटाइज किए जाएंगे।