जीविका से जुड़ी महिलाएं अब चलाएंगी बैंक

0

नालंदा जिले में जीविका से जुड़ी महिलाओं को बैंक चलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। गुरुवार को इंदौत से इसकी शुरुआत भी कर दी गई। ट्रायल के तौर पर इंदौत की स्वाति को बैंक चलाने की जिम्मेवारी सौंपी गई।  स्वाती इंदौत गांव स्थित मध्य बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में जीविका की ओर बैंक मित्र के रूप में जुड़ी हुई थीं। जीविका से जुड़ी महिलाओं को बैंक में खाता-खुलवाने और अन्य कार्यों में मदद करना ही उनका का मुख्य कार्य था। कार्य क्षमता और कुशलता को देखकर एक प्रक्रिया के तहत स्वाति का चयन बैंक सखी के रूप में किया गया। उन्हें पूंजी देकर जीविका द्वारा बैंक सखी केन्द्र खुलवाया गया। वे एक सामान्य बैंक की तरह अपनी शाखा खोलेंगी और दी गई शक्ति के अनुसार कारोबार करेंगी।

हिलसा में जीविका से जुड़ी आठ महिलाएं हैं बैंक मित्र

स्वाति के तरह की आठ महिलाएं बैंक सखी के रूप में विभिन्न बैंकों में काम कर रही हैं। क्षेत्रीय समन्वयक अजीत कुमार की मानें तो एक प्रक्रिया के तहत बैंक सखी का चयन होता है। इस प्रक्रिया में जो भी सफल होंगी उन्हें बैंक सखी बनाया जा सकता है।

बैंक सखी बनने से कौन-कौन से फायदे

एक प्रक्रिया के तहत मध्य बिहार ग्रामीण बैंक इंदौत में खोले गए ग्राहक सेवा केन्द्र (सीएसपी) को बैंक सखी केन्द्र से नामाकरण किया गया है। बैंक सखी केन्द्र की संचालिका को एक प्रदत्त शक्ति के अनुरुप खुद बैंक कारोबार करना होगा। इसमें खाता खोलने से लेकर एक सीमा तक जमा-निकासी का कोराबार हो सकता है। इसके लिए हर बैंक अलग-अलग कमीशन देता है। कार्य के एवज में मिलने वाला कमीशन ही केन्द्र संचालिका के लिए आमदनी होती है।

Load More Related Articles
Load More By Nalanda Live
Load More In हिलसा

Leave a Reply

Check Also

योगी राज में मारा गया एक और माफिया.. कई जिलों में धारा 144 लगाई गई

कहा जाता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया के लिए काल हैं.. उनके राज में कोई…