सूबे के 115 पैक्सों में इस साल ड्रायर के साथ चावल मिल लगेंगे। हर राइस मिल की क्षमता दो टन प्रति घंटा होगी। खास बात ये है कि केन्द्र सरकार लागत राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा देगी। जबकि राज्य सरकार को केवल 40 प्रतिशत पैसा ही लगाना होगा। जबकि पहले केन्द्र और राज्य सरकार को आधा-आधा पैसा देना होता था …
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