
नालंदा की एक सियासत में एक बार फिर उलटफेर हुआ है । नालंदा जिला परिषद की अध्यक्ष मीर सिन्हा की कुर्सी छीन गई है। लेकिन जिस तरह से उनकी कुर्सी गई है वो चौंकाना वाला है। इसकी कल्पना खुद मीर सिन्हा ने कभी नहीं की होंगी .
जीरो पर आउट हो गईं मीर सिन्हा
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने आज विशेष बैठक बुलाई थी. विशेष बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग हुई. लेकिन वोटिंग की प्रक्रिया गुप्त मतदान के जरिए हुई. जिसमें मीर सिन्हा जीरो पर आउट हो गईं
मीर सिन्हा के पक्ष में एक भी वोट नहीं
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुलाई गई विशेष बैठक में 21 लोग शरीक हुए. जबकि जिला परिषद में मौजूदा सदस्यों की संख्या 34 है. ऐसे में 21 सदस्यों के साथ ही अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही शुरू हुई. जिसमें वोटिंग में 21-0 से अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया. यानि अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 21 वोट पड़े जबकि मीर सिन्हा के समर्थन में एक भी वोट नहीं पड़ा. आपको बता दें कि नालंदा जिला परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 34 है. जिसमें एक सदस्य कैप्टन सुनील की मौत हो चुकी है. जिसके बाद सदस्यों की संख्या घटकर 33 रह गई
18 सदस्यों ने लाया अविश्वास प्रस्ताव
आपको बता दें कि जिला परिषद के 18 सदस्यों ने अध्यक्ष मीर सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. तब लग रहा था कि कांटे की टक्कर हो सकती है. क्योंकि एक सदस्य इधर या उधर होने पर कुर्सी बचने की संभावना थी. लेकिन मतदान के बाद जो हुआ वो चौकाने वाला था. मीर सिन्हा के समर्थन में एक भी सदस्य नहीं आए . बल्कि तीन और जिला पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर दिया.
तनुजा कुमारी का बदला पूरा
दो साल पहले मीर सिन्हा ने तनुजा कुमारी को मात देकर जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी हथियाई थी. लेकिन तनुजा कुमारी ने दो साल बाद ही अपना हिसाब चुकता कर लिया है । तनुजा कुमारी ने ना सिर्फ मीर सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया. बल्कि जिस तरह से उन्हें हराया है वो ऐतिहासिक हो गया है . ऐसा पहली बार हुआ है जब मौजूदा अध्यक्ष को एक भी वोट नहीं मिले हों. दो साल पहले हुए चुनाव में मीर सिन्हा ने तनुजा कुमारी को चार वोटों से हराया था. मीर सिन्हा के साथ 19 पार्षद थे तो वहीं तनुजा के साथ 15 पार्षद. लेकिन दो साल में तस्वीर बिल्कुल बदल गई. मीर सिन्हा के साथ अब एक भी जिला पार्षद नहीं थे वे 21 वोटों से हारीं
जिला परिषद अध्यक्ष पर क्या-क्या आरोप
जिला परिषद अध्यक्ष पर सदस्यों ने गंभीर आरोप लगाए थे. जिसमें बैठक का आयोजन नहीं करना, बैठक की कार्रवाई विलंब से प्रकाशित करना, निविदा को लेकर सरकारी आदेश का अवहेलना करना, सदस्यों को लेकर अपमानित शब्दों का प्रयोग करना आदि शामिल है. साथ ही जिला परिषद से शिक्षक बहाली में अध्यक्ष द्वारा जान बूझकर मनमानी का भी आरोप लगाया गया था. आवेदन में ये भी कहा गया था कि जिला परिषद की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में कार्रवाई नहीं की गई. जिसके कारण जिला परिषद के राजस्व को काफी नुकसान हुआ.
अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में कौन कौन
मीर सिन्हा के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. उसमें तनूजा कुमार, पुरुषोत्तम जैन, बालमुकुंद पासवान,अनिरुद्ध कुमार,नरोत्तम, विपिन कुमार,सुनीता कुमारी,कमलेश पासवान, पार्वती देवी,पुरुषोत्तम, प्रतिमा देवी, सत्येंद्र कुमार, सूरज देवी,अंशु कुमारी,सीताराम प्रसाद और विमल पासवान शामिल हैं.