
नालंदा के मौजूदा जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन का तबादला कर दिया गया है । उनकी जगह शेखपुरा के मौजूदा जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह को नालंदा का नया डीएम बनाया गया है। योगेंद्र सिंह डॉक्टर त्यागराजन की जगह लेंगे ।
तेजतर्रार IASऑफिसर हैं योगेंद्र सिंह
योगेंद्र सिंह की गिनती बिहार के तेजतर्रार IAS अधिकारी के तौर पर किया जाता है। योगेंद्र सिंह को करीब 10 महीने पहले शेखपुरा का डीएम बनाया गया था। शेखपुरा के जिलाधिकारी बनने से पहले वे बेतिया के डीडीसी रह चुके हैं ।
उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं योगेंद्र सिंह
IAS अधिकारी योगेंद्र सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उनका पैतृक गांव उन्नाव जिले का हरिपुर है। योगेंद्र सिंह के पास हरिहरपुर गांव में करीब डेढ़ एकड़ जमीन है।
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ऑल इंडिया में 28वें रैंकर थे योगेंद्र सिंह
योगेंद्र सिंह ने 2012 में सिविल सर्विस परीक्षा पास की थी । उन्होंने ऑल इंडिया में 28वां स्थान प्राप्त किया था। वे ओबीसी कैटेगरी से आते हैं।
शेखपुरा में विकास की नई कहानी गढ़ी
योगेंद्र सिंह ने पहली बार डीएम के तौर पर शेखपुरा की कमान संभाला था। इससे पहले वे बेतिया के डीडीसी और पटना के सदर एसडीओ रह चुके हैं । शेखपुरा में जब उनकी तैनाती हुई थी। उस वक्त शेखपुरा के तत्कालीन डीएम दिनेश कुमार को लेकर काफी बवाल हुआ था। शहरवासियों का दिनेश कुमार के साथ अच्छे संबंध नहीं थे। ऐसे में योगेंद्र सिंह के सामने चुनौती बड़ी थी। पहला जिलावासियों का विश्वास जीतना था । साथ ही वहां के लोंगो के साथ सामन्जस्य बैठना था। योगेंद्र सिंह ने इस काम को बखूबी निभाया। उन्होंने शेखपुरा में विकास की नई गाथा लिखी। बेपटरी हुए जिले के प्रशासन को पटरी पर लाने की भरसक कोशिश की ।
नालंदा की अपेक्षा पर खरा उतरने की चुनौती
31 साल के युवा और तेजतर्रार IAS अधिकारी योगेंद्र सिंह के सामने अब नई चुनौती है। नालंदा में चल रहे विकास कार्य को गति देना उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी। साथ ही डॉक्टर त्यागराजन की तरह भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाना होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने की वजह से उन्हें राजनीतिक प्रभावों को भी दूर रखना होगा ।