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नालंदा जिला में शिक्षा माफिया के नाम से मशहूर मॉडल स्कूल के पूर्व हेडमास्टर महावीर प्रसाद ने जिला प्रशासन को एक बार फिर ठेंगा दिखाया। महावीर प्रसाद के रसूख का अंदाजा इसे से लगा सकते हैं कि केस दर्ज होने के कई दिन बीत जाने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। साथ ही महावीर प्रसाद के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला हेडमास्टर सुनीता सिन्हा का ट्रांसफर भी करवा दिया गया।
रसूखदार है ‘माफिया’ महावीर
महावीर प्रसाद की हनक का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि डीएम के आदेश के बावजूद दो दिनों तक उसके खिलाफ केस दर्ज तक नहीं हुआ। नालंदा के डीएम डॉ. त्यागराजन ने जब जिले के प्रभारी डीईओ को फटकार लगाई तक जाकर उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ। महावीर प्रसाद के खिलाफ मामला दर्ज होने के तीन दिन बाद सोमवार की रात लहेरी थाना पुलिस उसके घर छापेमारी के लिए गई। लेकिन वो वहां नहीं मिला इसके बाद पुलिस की टीम उस अवैध छात्रावास में भी लेकिन वहां भी नहीं मिला। पुलिस के मुताबिक वो बिहार छोड़कर भाग चुका है ।
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प्रशासन ने छात्रावास बंद क्यों नहींं कराया ?
नालंदा के डीएम डॉ.त्यागराजन के कहने के बावजूद भी जिला शिक्षाविभाग ने महावीर प्रसाद के अवैध छात्रावास पर कार्रवाई नहीं की। न हीं उस पर ताला बंद किया गया और न ही कोई जरूरी साक्ष्य निकलवाए गए। महावीर प्रसाद और उसके गुर्गे को सामान और दूसरे जरूरी कागजात को वहां से हटाने का भरपूर मौका दिया गया ।
शिकायतकर्ता हेडमास्टर सुनीता सिन्हा को मिली सजा ?
33 सालों से अवैध छात्रावास चलाने वाले पूर्व हेडमास्टर महावीर प्रसाद की हनक का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उसके खिलाफ शिकायत करने वाली आवासीय मॉडल स्कूल की हेडमास्टर सुनीता सिन्हा का भी तबादला कर दिया गया है। इस तबादले पर कई सवाल उठ रहे हैं। डीपीओ के प्रभारी डीईओ बनने पर सामूहिक रूप से प्रधानाध्यापकों का तबादला किया गया है। एचएम के तबादले के अनेक कयास लगाए जा रहे हैं। पुलिस जांच प्रभावित होने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। तबादला ऐसे समय किया गया जब एचएम ने जान के रक्षा की गुहार लगाई है। कुछ माह पूर्व एचएम को निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी बनाया गया था। बाद में यह पद समाप्त हो गया। बावजूद इसके उनका ट्रांसफर किया गया।
दर्जन भर एचएम आए और गए, किसी ने आवाज क्यों नहीं उठाई
कहा जाता है कि राष्ट्रपति से पुरस्कृत होने के बाद महकमें में महावीर प्रसाद का रसूख बढ़ गया था। इससे पहले स्कूल में दर्जन भर एचएम आयें और गए। किसी ने अवैध छात्रावास की शिकायत विभाग या जिले के वरीय अधिकारी से नहीं की। ऐसे में जांच के घेरे में वो हेडमास्टर भी आने चाहिए जिन्होंने इसकी शिकायत नहीं की ? साथ ही जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ होनी चाहिए
Nalanda Live के कुछ अनसुलझे सवाल
पहला सवाल- केस दर्ज करने में समय क्यों लगा और किसका दबाव ?
दूसरा सवाल- केस दर्ज हुआ तो गिरफ्तारी के लिए तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?
तीसरा सवाल- छात्रावास को सील क्यों नहीं किया गया ?
चौथा सवाल- जांच शुरू हुई है ऐसे में हेडमास्टर सुनीता सिन्हा का ट्रांसफर क्यों किया गया?
पांचवां सवाल- उसके रसूख के आगे जिला प्रशासन क्यों बौना बना है ?
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