
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने गृह जिले नालंदा जिला को नए साल पर बहुत बड़ा तोहफा दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा जिला के 8 कस्बों को नगर पंचायत घोषित कर दिया है. जबकि राजगीर नगर परिषद बना दिया है.
कहां कहां बना नगर पंचायत
1. नगर पंचायत, चंडी
2. नगर पंचायत, हरनौत
3. नगर पंचायत, एकंगरसराय
4. नगर पंचायत, रहुई
5. नगर पंचायत, अस्थावां
6. नगर पंचायत, गिरियक
7. नगर पंचायत, सरमेरा
8. नगर पंचायत, परवलपुर
यानि अब इन 8 कस्बों की गिनती अब शहर में की जाएगी. अब यहां ग्राम पंचायत चुनाव नहीं बल्कि नगर निकाय चुनाव होगा. जहां वार्ड पार्षद होंगे.
राजगीर बना नगर परिषद
वहीं, नालंदा जिला के राजगीर को नगर पंचायत से बढ़ाकर नगर परिषद कर दिया गया है.
शहरी इलाकों का विस्तार
नए निकायों के गठन से कई लाभ होंगे। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार का शहरीकरण महज 11.27 प्रतिशत है, जो देश में सबसे कम है। राष्ट्रीय औसत 31.16 प्रतिशत है। नए निकाय बनने से राज्य में शहरीकरण 18 प्रतिशत के करीब हो जाएगा। निकाय बनने पर राज्य में शहरी इलाकों का विस्तार होगा। उन इलाकों में विकास कार्यों में तेजी आएगी। केंद्र की विभिन्न योजनाओं में शहरों को ही फंडिंग किए जाने का प्रावधान है। इनका लाभ भी निकाय गठन पर उन इलाकों को मिल सकेगा।
तेजी से विकास होगा
शहरों को ग्रोथ इंजन यानि विकास का वाहक माना जाता है। नए शहरी निकाय बनने के बाद राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति और तेज होगी। संबंधित क्षेत्रों में सुनियोजित ढंग से विकास होगा। नागरिक सुविधाओं बढ़ेंगी। पानी, बिजली, सड़क, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, मशीनों के जरिए सफाई, पार्क सहित अन्य सामुदायिक सुविधाओं की व्यवस्था बेहतर हो जाएगी। ऐसे इलाके में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जमीनों के कीमतों में भी वृद्धि होगी। वित्त आयोग से शहरी निकायों को गांव की अपेक्षा ज्यादा अंशदान मिलने लगेगा। राज्यांश और केंद्रांश की भी हिस्सेदारी मिलने लगेगी।