लेडी सिंघम ने कसा शिकंजा, एक और पूर्व मंत्री और उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज

0

लेडी सिंघम के नाम से मशहूर तेजतर्रार आईपीएस अफसर लिपि सिंह ने बाहुबली विधायक अनंत सिंह के बाद बिहार के एक और पूर्व मंत्री पर शिकंजा कस दिया है। नीतीश कुमार के पूर्व सहयोगी और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह और उनके बेटे सुमित सिंह के खिलाफ जांच के लिए SIT गठित कर दी है.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का निजीकर्मी बताकर लोगों को ठगने के गोरखधंधे की जांच में कथित संलिप्तता सामने आने के बाद रविवार को मुंगेर में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था जिसपर कार्रवाई करते हुए लिपि सिंह ने एसआइटी गठित कर मामले की जांच करने का आदेश दिया है। साथी ही गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया है।

बमबम के बयान पर मुकदमा
लिपि सिंह के मुताबिक ब्रजेश उर्फ बमबम के बयान के आधार पर दो लोगों के अलावा पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह और उनके बेटे सुमित सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि बमबम इस गोरखधंधे में लगे बड़े गिरोह के पर्दाफाश के बाद पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किए गए चार लोगों में एक था। उसके बयान के आधार पर ही एसपी ने ये कार्रवाई की है।

एसपी लिपि सिंह का दावा
एसपी लिपि सिंह ने दावा किया कि बमबम के बयान के अनुसार, इस रैकेट में शामिल लोग अपने को राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का निजी सहायक बताते थे और नौकरी दिलाने का वादा कर लोगों को चूना लगाते थे। उन्होंने इसकी पुष्टि उसके मोबाइल रिकार्ड्स से करने का दावा किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बमबम ने अपने बयान में कहा है कि गिरफ्तार किये गये अन्य आरोपियों के साथ वह इस गोरखधंधे का हिस्सा था तथा पिता-पुत्र उसके सूत्रधार थे।

जांच में कई और खुलासे
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जांच के दौरान यह भी सामने आया कि बमबम ने झारखंड के देवघर में एक भूखंड की खरीददारी के लिए खुद को मंत्री का पीए बताया। पुलिस अधीक्षक के अनुसार पिता-पुत्र ने जमीन के पांच करोड़ के इस सौदे में बिचौलिये काम किया। बमबम को एक करोड़ रुपये मिलने थे।

बदले की भावना से कार्रवाई का आरोप
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये उनपर बदले की भावना से की गई कार्रवाई है। आपको बता दें कि नरेंद्र सिंह कभी मु्ख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे. लेकिन 2015 में जेडीयू छोड़ दिया था और वे जीतन राम मांझी की अगुवाई वाले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा में शामिल हो गए थे। बाद में नरेंद्र सिंह माझी की पार्टी से भी अलग हो गए थे और खुद अपनी पार्टी बना ली थी।

Load More Related Articles
Load More By Nalanda Live
Load More In राजनीति

Leave a Reply

Check Also

योगी राज में मारा गया एक और माफिया.. कई जिलों में धारा 144 लगाई गई

कहा जाता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया के लिए काल हैं.. उनके राज में कोई…