
आरजेडी ने लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान पर चारा डाला था. महागठबंधन को लग रहा था कि चिराग पासवान के जरिए वो बिहार में एनडीए के खिलाफ एक बार मोर्चाबंदी कर सकती है. लेकिन चिराग पासवान आरजेडी के ‘चारा’ में नहीं फंसे. क्योंकि चिराग पासवान का असली टेंशन अपना बंगला बचाना है.
क्या है पूरा मामला समझिए
चिराग पासवान के पिता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से बिहार में राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है. ये सीट एनडीए के कोटे का है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चिराग पासवान को लगा था कि बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार की बड़ी हार होगी और उनकी पार्टी किंगमेकर की भूमिका में होगी. जिसके बाद वो अपने पिता की सीट पर दावा ठोंकेंगे.
चुनाव नतीजे ने प्लानिंग किया चौपट
मौसम वैज्ञानिक कहे जाने वाले रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान अपने पिता की तरह मौसम का रुख नहीं भांप पाए. जिसका नतीजा ये हुआ कि उनकी पार्टी बिहार में सिर्फ एक सीट ही जीत पाई. लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी को 20 से ज्यादा सीटों का नुकसान करा दिया.
नीतीश कुमार से दुश्मनी महंगी
चुनाव नतीजे के बाद जेडीयू के खराब नतीजे के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ और सिर्फ एलजेपी को दोषी ठहरा रहे हैं. क्योंकि 20 से ज्यादा सीटों पर एलजेपी ने नुकसान पहुंचाया. ऐसे में बीजेपी ने चिराग पासवान से दूरी बना ली और राज्यसभा सीट से पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को उम्मीदवार बना दिया
अपनी मां के लिए टिकट चाहते थे चिराग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चिराग पासवान राज्यसभा सीट से अपनी माता रीना पासवान को संसद भेजना चाहते थे. वे बीजेपी से इस बात का ईनाम चाहते थे कि उनकी वजह से बीजेपी बिहार में बड़े भाई की भूमिका में आ पाई है. लेकिन बीजेपी नीतीश कुमार से दुश्मनी लेने की स्थिति में नहीं है
महागठबंधन ने दिया चिराग को ऑफर
उधर, दांव के इंतजार में बैठे महागठंबधन ने झट से चिराग पासवान को ऑफर दे दिया. महागठंबधन ने रीना पासवान को राज्यसभा का संयुक्त उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव भेज दिया
बंगला बचाने के लिए ऑफर ठुकराया
बताया जा रहा है कि चिराग पासवान ने अपना 12 जनपथ रोड का बंगला बचाने के लिए आरजेडी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. क्योंकि अगर चिराग पासवान महागठबंधन से नाता जोड़ लेते तो मोदी सरकार वो बंगला खाली करने के लिए कह सकती है जो केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को अलॉउट हुआ है. क्योंकि चिराग पासवान इतने सीनियर नहीं हैं कि उन्हें वो बंगला दिया जा सके .
श्याम रजक बन सकते हैं उम्मीदवार
उधर, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि महागठबंधन श्याम रजक को सुशील कुमार मोदी के खिलाफ मैदान में उतार सकता है. क्योंकि श्याम रजक काफी समय तक जेडीयू में रहे हैं. ऐसे में आरजेडी को कुछ करिश्मे की उम्मीद है