
नवादा के गोविंदपुर से कांग्रेस विधायक पूर्णिमा यादव का पार्टी से तलाक हो गया है. वे कांग्रेस का हाथ छोड़कर अपने पति की पार्टी में जाकर शामिल हो गई हैं. यानि पूर्णिमा यादव ने कांग्रेस छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया है. पूर्णिमा यादव के पति कौशल यादव नवादा से जेडीयू विधायक हैं
जेडीयू में शामिल हुईं पूर्णिमा यादव
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्णिमा यादव ने पाला बदल लिया है. पूर्णिमा यादव ने कांग्रेस छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया है. ऐसे कहें कि उन्होंने घरवापसी कर ली. पटना में जेडीयू दफ्तर में आयोजित कार्यक्रम में पूर्णिमा यादव ने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की. जेडीयू सांसद ललन सिंह ने पूर्णिमा यादव को जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कराई. इस मौके पर पूर्व मंत्री अशोक चौधरी, पूर्णिमा यादव के पति कौशल यादव और मंत्री नीरज कुमार भी मौजूद थे
बड़ी दिलचस्प है पति पत्नी की कहानी
पूर्णिमा यादव नवादा के जेडीयू विधायक कौशल यादव की पत्नी हैं. पति पत्नी दोनों विधायक हैं. फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और नवंबर 2010 के चुनाव में कौशल यादव गोविंदपुर से विधायक बनते रहे और उनकी पत्नी पूर्णिमा यादव नवादा से चुनाव जीतती रही हैं। दोनों विधानसभा में साथ साथ बैठते थे.
साल 2015 में हुई थी हार
साल 2015 में जेडीयू-कांग्रेस और आरजेडी मिलकर चुनाव लड़ रहे थे. ऐसे में पूर्णिमा यादव कांग्रेस के टिकट पर गोविंदपुर से चुनाव लड़ीं थी जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी. जबकि उनके पति कौशल यादव हिसुआ से चुनाव लड़े थे जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. क्योंकि नवादा सीट आरजेडी के कोटे में राजवल्लभ यादव को दी गई थी. जहां राजवल्लभ यादव चुनाव जीते थे
विधानसभा में रोने लगी थीं पूर्णिमा यादव
साल 2015 में चुनाव जीतने के बाद जब पूर्णिमा यादव विधानसभा पहुंची तो वे रोने लगीं. क्योंकि इस बार वो अकेलीं थी. उनके पति कौशल यादव चुनाव हार गए थे. 10 साल के अंतराल में पहला अवसर था जब पूर्णिमा अपने पति के बगैर सदन पहुंची थी। पूर्णिमा यादव कहती हैं कि तब बगल में बैठी कांग्रेस विधायक अमिता भूषण उन्हें समझायी थीं कि राजनीति में उतार चढ़ाव लगा रहता है। फिर भी करीब दस दिनों तक सदन नही जा सकीं थी। बाद में धीरे धीरे सदन जाने लगी।
उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे कौशल यादव
कहा जाता है न कि जिसके भाग्य में जो लिखा होता है वो मिलता है. नवादा से आरजेडी विधायक राजवल्लभ यादव नाबालिग से रेप के मामले में दोषी ठहराए गए. जिसके बाद उनकी सदस्यता खत्म हो गई. ऐसे में पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान नवादा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. जिसमें कौशल यादव चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. यानि एक बार फिर पति पत्नी को साथ साथ विधानसभा जाने का मौका मिला।