
राजगीर से जेडीयू विधायक रवि ज्योति इन दिनों पार्टी से नाराज हैं. ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट किया है। उन्होंने पार्टी पर सवाल उठाते हुए दलित विरोधी तक करार दे दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी में दलितों की उपेक्षा हो रही है. जिसके बाद सियासी महकमे में हड़कंप मच गया. साथ ही अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई भी दी और पूरा दोष मीडिया पर मढ़ दिया
रवि ज्योति सोशल मीडिया पोस्ट में क्या था
जेडीयू विधायक रवि ज्योति ने लिखा पॉलिटिक्स से अच्छा पुलिस सेवा था. कोई दूध का धोया नहीं था. लेकिन अच्छा काम करता था एवं लोग सम्मान भी देते थे. आज ये हाल है कि लोग पार्टी एवं जात के अनुसार ट्रीट करते हैं. मेरी 21 साल की नौकरी में उंगली नहीं उठाया. यहां तो जातिवाद,छोटे जात का तमगा दे दिया. दूसरे पार्टी को तो छोड़ दीजिए मेरे पार्टी का भी गंदा, स्वार्थी लोग मुझे पंसद नहीं करते हैं. प्रत्येक व्यक्ति का दोहरा चेहरा हैं. मैं टी अब तक नहीं बदल हूं. आगे देखिए क्या होता है. दिल से आभार.
बवाल मचने पर दी सफाई
रवि ज्योति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के राजगीर विधानसभा सीट से जेडीयू विधायक हैं. ऐसे में उनके इस पोस्ट से बवाल मचना लाजिमी था. चर्चाओं का दौर शुरू हो गया. लोग क्या कयास लगाने लगे कि विधानसभा चुनाव से पहले रवि ज्योति शायद पाला बदलने की फिराक में हैं. जिसके बाद रवि ज्योति ने फेसबुक पर बयान जारी कर सफाई दी
सफाई में क्या कहा
रवि ज्योति ने अपनी सफाई में पहले मीडिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि चलिए ऐसी गलत और भ्रामक खबरें की वजह से वो लाइम लाइट में आ गए . साथ ही सवाल उठाते हुए कहा कि मीडिया कर्मियों को उनका पक्ष जानना चाहिए था. उन्होंने खुद बताया कि 3 साल पुरानी पोस्ट मैसेंजर पर अपडेट होकर वायरल हो गया है.
Posted by Ravi Jyoti Kumar on Friday, August 7, 2020
रवि ज्योति का दर्द भी छलका
सफाई के दौरान भले ही उन्होंने सारा कुछ मीडिया पर डाल दिया. साथ ही उनका दर्द भी छलका. उन्होंने कहा कि इसी वजह से वो लाइमलाइट में आ गए. यानि वो ये मान रहे थे कि वो पार्टी में हाशिये पर हैं. अपनी सफाई के दौरान उन्होंने कहा कि वो पार्टी के सच्चे सिपाही हैं. लेकिन एक मिनट 20 सेकंड के वीडियो में उन्होंने कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया.
कौन हैं रवि ज्योति
रवि ज्योति बिहार पुलिस में अफसर थे. वे बिहार थाना में तैनात थे. लेकिन 2015 पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए. उन्होंने राजगीर सुरक्षित सीट से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंचे. जबकि रवि ज्योति दरभंगा जिला के रहने वाले हैं. लेकिन नालंदा से उन्होंने चुनाव जीता.