सुशील कुमार मोदी करीब 30 साल से बिहार बीजेपी के सबसे बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं. वे करीब 11 साल तक नीतीश सरकार में डिप्टी रहे. दोनों की जोड़ी हिट मानी जाती रही है. लेकिन इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का डिप्टी बदल गया. सुशील मोदी को इस बार उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा रहा है. जिसके बाद उनका दर्द सामने आया है.सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्वीट अकाउंट से डिप्टी सीएम शब्द हटा लिया है.
सुशील मोदी का छलका दर्द
डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद सुशील कुमार मोदी का दर्द छलका. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी और संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया कि शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा. आगे भी जो जिम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूंगा. कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता.
भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे ४० वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा।आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा।कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 15, 2020
गिरिराज सिंह ने लगाया मरहम
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सुशील मोदी को मरहम लगाया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आदरणीय सुशील जी आप नेता हैं, उप मुख्यमंत्री का पद आपके पास था, आगे भी आप भाजपा के नेता रहेंगे ,पद से कोई छोटा बड़ा नहीं होता।
आदरणीय सुशील जी आप नेता हैं, उप मुख्यमंत्री का पद आपके पास था, आगे भी आप भाजपा के नेता रहेंगे ,पद से कोई छोटा बड़ा नहीं होता । https://t.co/Poh8CDODOw
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) November 15, 2020
सुशील मोदी का राजनीतिक सफर
सुशील कुमार मोदी साल 1990 में पहली बार पटना मध्य से विधायक बने. पहली बार साल 2000 में जब नीतीश कुमार सात दिनों के लिए सीएम बने थे तो उस समय सुशील कुमार मोदी संसदीय कार्य मंत्री बने। जब नवम्बर 2005 में एनडीए सरकार सत्ता में आई तो वे बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री बने। वे इस पद पर जून 2013 तक बने रहे। अगस्त 2017 में जब फिर से बिहार में एनडीए की सरकार बनी तो वे फिर से उपमुख्यमंत्री बने।जेपी आंदोलन की उपज मोदी लालू-राबड़ी राज और महागठबंधन सरकार के समय नेता प्रतिपक्ष भी रहे।