नालंदा में सरकारी योजनाओं में धांधली और घटिया निर्माण को देखते हुए डीएम डॉक्टर त्यागराजन एक्शन में हैं। नालंदा के डीएम ने हर घर नल का जल और नाली-गली पक्की योजनाओं की सघन जांच के लिए उड़नदस्ता बनाया है। जिलास्तर के 40 पदाधिकारी योजनाओं की जांच करेंगे। इसमें एक प्रशासनिक और एक तकनीकी पदाधिकारी इन योजनाओं की जांच करेंगे। डीएम ने बताया कि जांच अधिकारियों को दोनों योजनाओं की जांच के बाद 73 बिन्दुओं की रिपोर्ट बनानी होगी।
गुणवता सर्वोपरि है
नालंदा के डीएम डॉक्टर त्यागराजन का कहना कि प्रशासनिक पदाधिकारी योजनाओं के प्रशासनिक पहलुओं की जांच करेंगे। जबकि तकनीकी पदाधिकारी तकनीकी पहलुओं की जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि योजनाओं की जांच का मुख्य उद्देश्य योजनाओं की गुणवत्ता को बनाये रखना और योजना की क्रियान्वयन में तेजी लाते हुए प्रभावी सुधार लाना है।
किस प्रखंड में कौन होंगे जांच अधिकारी
हिलसा- इफ्तखार अहमद
चंडी – ब्रजेश कुमार
अस्थावां – शैलेन्द्र नाथ
बेन- संतोष श्रीवास्तव
हरनौत- रवीन्द्र राम
थरथरी- रविशंकर उरांव
करायपरसुराय- जितेन्द्र कुमार
इस्लामपुर- अनिल कुमार
राजगीर- कुमार प्रशांत
गिरियक- संजय आलम
बिंद- रामबाबू
बिहारशरीफ- विभू विद्यार्थी
कतरीसराय- संजय सिन्हा
एकंगरसराय- अमरेन्द्र
परवलपुर- रविशंकर
सिलाव- उमेश रंजन
रहुई- जनार्दन
नूरसराय- संजय
उड़नदस्ता 73 बिंदुओं की जांच करेगा
इन योजनाओं की जांच के लिए अधिकारियों को बिंदुवार एजेंडा दिया गया है। इसमें नाली-गली योजना के अंतर्गत अभिलेख का संधारण, योजनाओं की गुणवत्ता, ईंट की पैकिंग, ढलाई और जुड़ाई की गुणवत्ता, नाली में पानी के बहाव, सोलिंग के बाद बालू ढाला जा रहा है या नहीं आदि की जांच करनी होगी। साथ ही हर घर नल का जल योजना में अभिलेख का संधारण, योजना का बोर्ड, सभी प्रकार के पाइप की गुणवत्ता, मिट्टी के अंदर पाइप डाले जाने की गहराई कम से कम तीन फीट है या नहीं इसकी जांच करनी है।