मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के किसानों को बड़ी राहत दी है। नीतीश सरकार ने नालंदा,नवादा,शेखपुरा,गया और पटना समेत सूबे के 23 जिलों के 206 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुखा प्रभावित जिलों में ऋण वसूली स्थगित करने का भी निर्देश दिया है।
31 अक्टूबर तक किसान कराएं रजिस्ट्रेशन
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि फसल सहायता योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को 31 अक्टूबर तक किसान अपना निबंधन करवाना होगा। इनपुट सब्सिडी का लाभ लेने के लिए 15 नवंबर तक किसान अपना निबंधन करवा लें। उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही धान पर 5, गेहूं पर 4 और मक्का पर 3 डीजल सब्सिडी और विद्युत आपूर्ति के माध्यम से किसानों को फसल के पटवन कार्य में सहयोग कर रही है।
तीन पैमानों पर हुआ निर्धारण
कृषि विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि सूखे की स्थिति के लिए तीन पैमाने निर्धारित किए गये, जिसमें एक खेत की मौलिक स्थिति, दूसरा फसलों के मुरझाने की स्थिति और तीसरा ऊपज में 33 प्रतिशत से कम उत्पादन को आधार बनाया गया है। ऐसी स्थिति में राज्य के 23 जिलों के 206 प्रखंड सूखे से प्रभावित हैं।
सूखाग्रस्त जिलों के नाम
बिहार के सूखाग्रस्त जिलों में पटना, भोजपुर, बक्सर, गया, कैमूर, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, शेखपुरा, जमुई, मुंगेर, भागलपुर, बांका, नालंदा और सहरसा शामिल हैं।
बैठक में सीएम नीतीश कुमार के अलावा ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री बिनोद नारायण झा, आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव और सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।