बिहारशरीफ में अब वकीलों और वार्ड पार्षदों में ठन गई है। वकीलों ने अब वार्ड पार्षदों के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है । वकीलों ने कहा कि अब वो वार्ड पार्षदों के काला चिट्ठा खोलेंगे साथ ही वार्ड पार्षदों का मुकदमा नहीं लड़ने की भी घोषणा की है। आखिर वकीलों और वार्ड पार्षदों के बीच क्यों तनातनी हो गई है ? वकीलों ने क्यों वार्ड पार्षदों का मुकदमा लड़ने से इनकार कर दिया ?दरअसल, बिहारशरीफ में वकीलों ने जिले के एसपी सुधीर कुमार पोरिका और डीएसपी निशित प्रिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वकीलों का आरोप है कि एसपी और डीएसपी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया है। इसके विरोध में वकीलों ने पहले विरोध मार्च निकाला और डीएम को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो नालंदा जिला के अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे कोर्ट का कामकाज ठप पड़ा है।
वार्ड पार्षदों से क्यों उलझे वकील जानिए
दरअसल, पुलिस और वकीलों के झगड़े में बिहारशरीफ के वार्ड पार्षद कूद गए। वार्ड पार्षदों ने जिले के पुलिस कप्तान और डीएसपी का समर्थन किया और कहा कि अगर इनका तबादला होता है तो वे सड़कों पर उतरेंगे। इतना ही नहीं वार्ड पार्षदों ने वकीलों को भू माफिया कह दिया। इसके बाद ही नालंदा जिला के अधिवक्ता वार्ड पार्षदों के खिलाफ एकजुट हो गए। नालंदा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रभात कुमार रुखैयार ने कहा कि उनकी लड़ाई नगर निगम और पार्षदों से नहीं बल्कि एसपी और डीएसपी के गलत व्यवहार के खिलाफ है। लेकिन जिस तरह से वार्ड पार्षदों ने पुलिस के समर्थन में बैठक कर अधिवक्ता संघ के निर्णय को गलत ठहराते हुए भू माफिया की संज्ञा दे दी है वो उचित नहीं है।
वार्ड पार्षदों का मुकदमा नहीं लड़ेंगे वकील
अधिवक्ता संघ ने वार्ड पार्षदों को चेतावनी दी है कि किसी भी वार्ड पार्षद और उनके परिवार का मुकदमा नहीं लड़ेगी। महासचिव दिनेश प्रसाद ने कहा कि कई ऐसे वार्ड पार्षद हैं जो गरीब गुरूबा के जमीन पर कब्जा जमाए बैठे हैं।
नगर आयुक्त ने किया फैसले का सम्मान
नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल ने बताया कि अधिवक्ता संघ ने यदि जमीन अतिक्रमण करने वालों का काला चिट्ठा खोलने का निर्णय लिया है तो इसका स्वागत है। नगर निगम इसमें सहयोग के साथ-साथ कार्रवाई भी करेगी।