
शेखपुरा की कमान अब महिला जिलाधिकारी के हाथ में होगी। इनायत खान को शेखपुरा जिले का 21वां जिलाधिकारी बनाया गया है। वे आईएएस अधिकारी योगेंद्र सिंह की जगह लेंगी।

पहली बार संभाली डीएम की कमान
इनायत खान को पहली बार जिलाधिकारी बनाया गया है। इससे पहले वे पर्यटन विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात थीं। साथ ही बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम का अतिरिक्त प्रभार भी उनके पास था। आपको बता दें कि इनायत खान से पहले योगेंद्र सिंह शेखपुरा के जिलाधिकारी थे। योगेंद्र सिंह को अब नालंदा का डीएम बनाया गया है ।

कड़क ऑफिसर के तौर पर है पहचान
इनायत खान की पहचान एक कड़क आईएएस ऑफिसर के तौर पर है। इनायत खान ने साल 2011 में सिविल सेवा परीक्षा में परचम लहराया था। उन्होंने ऑल इंडिया में 176वां रैंक प्राप्त किया था. जिसके बाद उन्हें बिहार कैडर मिला था
यूपी की रहने वाली हैं इनायत खान
इनायत खान उत्तर प्रदेश की आगरा की रहने वाली हैं। उन्होंने यूपी के टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले आनंद इंजीनियर कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक की डिग्री ली।
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इंजीनियरिंग से आईएएस तक सफर
इनायत खान ने साल 2007 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद देश के एक नामी सॉफ्टवेयर कंपनी में एक साल नौकरी की। लेकिन वहां उन्हें मन नहीं लगा। उनका सपना आईएएस बनने का था। साल 2009 में उन्होंने पहली बार आईएएस का एग्जाम दिया। तीन चरणों वाले इस कठिन परीक्षा में उन्होंने पीटी, मेंस पास किया। लेकिन फाइनल में उनका रिजल्ट नहीं हुआ। इसके बाद उनका चयन आरआरबी यानि ग्रामीण बैंक में हुआ। लेकिन वो मानने वाली कहां थी। इनायत ने दिल्ली के मुखर्जी नगर के पास गांधी विहार में एक कमरा लेकर फिर से आईएएस की तैयारी में जुट गईं। साल 2011 में फिर से वो सिविल सेवा की परीक्षा में अपेयर हुईं। इस बार उन्हें 176वां स्थान प्राप्त हुआ और वो बिहार कैडर की आईएएस बनीं
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इनायत का नालंदा का कनेक्शन जानिए
इनायत खान की पहली पोस्टिंग पटना जिले में हुई. यहां वो असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर काम कीं। लेकिन इसके बाद इनायत खान की पोस्टिंग राजगीर में हुई। इनायत खान राजगीर की एसडीओ रहीं। राजगीर के बाद इनायत खान का तबादला भोजपुर कर दिया गया। जहां उन्हें डीडीसी बनाया गया।
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भोजपुर में बनी अलग पहचान
इनायत खान की असली पहचान भोजपुर में बनी। जहां उन्हें कड़क अफसर का तमगा मिला।भोजपुर में उन्होंने प्रत्येक प्रखंड में कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरा और बायोमेट्रिक हाजिरी लगवाई। साथ ही सरकारी बाबुओं पर शिकंजा कसा । इसके लिए खुद वो स्टेशन परिसर में कुर्सी लगाकर बैठ जातीं और रोजाना पटना जाने वाले अधिकारियों की क्लास लगातीं थी।

पैदल ही कामों का निरीक्षण करने पहुंच जातीं
सरकारी बाबूओं पर शिकंजा कसने के साथ साथ मनमौजी अफसरों की हवा भी इनायत ने टाइट कर दी थी। जिले में चल रहे कामों का औचक निरीक्षण के लिए वे गाड़ी खड़ी कर दनदनाते हुए पैदल ही चल पड़तीं थी।
ऐसे में ये उम्मीद की जा सकती है कि शेखपुरा में विकास के जिन कामों को योगेंद्र सिंह से शुरू किया था। इनायत खान उसे आगे बढ़ाएंगी। साथ ही शेखपुरा को विकास की ऊंचाई तक पहुंचाएंगी। इनायत खान को उनके नए दायित्व और जिम्मेदारी के लिए नालंदा लाइव सारे जिलावासियों की ओर से ढेर सारी बधाई देता है ।
