
मुखिया,पंचायत सचिव और पंचायत रोजगार सेवकों के मौज दिन लदने वाले हैं। नीतीश सरकार ने नया फरमान जारी किया है। जिसके मुताबिक ग्राम पंचायत कार्यालय में मुखिया, पंचायत सचिव और पंचायत रोजगार सेवक को प्रतिदिन बैठना अनिवार्य कर दिया गया है। पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया है।
सरकारी आदेश में क्या-क्या है
1. ग्राम पंचायत कार्यालयों में आवेदन प्राप्त करने के लिए एक काउंटर बनाया जाय
2. ग्राम पंचायत कार्यालय आने वाले आगतुंकों के लिए कम से कम 20 लोगों के बैठने की व्यवस्था 15 अगस्त तक सुनिश्चित किया जाय
3. पंचायत भवन के ऊपर पंचायत का नाम अंकित कराएं, टेलीफोन, पेयजल, इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराए जाएं।
4.ग्राम पंचायत कार्यालयों के दीवारों या चहारदीवारी पर मुखिया, वार्ड पार्षद, ग्राम पंचायत कर्मियों के नाम और मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अंकित हो
5. मुखिया,पंचायत सचिव और पंचायत रोजगार सेवक को प्रतिदिन ग्राम पंचायत कार्यालय में बैठना होगा
6. मुखिया,पंचायत सचिव और पंचायत रोजगार सेवक को फोटो और व्हाट्स के जरिए जिला पंचायती राज अधिकारियों को सूचित करना होगा
बिहार सरकार ने अपने आदेश में कहा कि प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों और जिला पंचायती राज पदाधिकारियों से 20 अगस्त तक मुकम्मल इंतजाम सुनिश्चित कर फोटो और वाट्सएप के जरिए शासन ने रिपोर्ट तलब किया है।
नीतीश सरकार के इस कदम से जमीनी स्तर पर काम में तेजी आ सकती है । लेकिन सवाल उठता है कि इसे लागू कराने में जिला पंचायती राज अधिकारी कितने सक्षम हैं। क्या वो आदेश नहीं मानने वाले मुखिया पर कार्रवाई करेंगे।