प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना को मेट्रो ट्रेन का तोहफा दिया है । यानि अब दिल्ली कोलकाता की तरह पटना में भी मेट्रो ट्रेन चलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने पटना जू (चिडि़याघर) के गेट नंबर एक के पास पटना मेट्रो का रिमोट के जरिए शिलान्यास किया। इस मौके पर पटना में केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बिहार नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने भूमि पूजन किया।
पटना मेट्रो की दो कॉरिडोर होगा
पटना में मेट्रो ट्रेन 31.39 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। ये दो कॉरिडोर में बनाए जाएंगे।। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की लंबाई 16.94 किमी होगी। जबकि नार्थ-साउथ कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किमी होगी । पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने पर 13365.77 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
पहला कॉरिडोर यानि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की 16.94 किमी लंबा होगा। इस कॉरिडोर पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसमें 5.49 किमी एलीवेटेड यानि ऊपर होगा जबकि 11.21 किमी अंडरग्राउंड होंगे। इस रूट में दानापुर, रूपसपुर, सगुना मोड़, राजा बाजार, गोल्फ क्लब, चिडिय़ाखाना, रूकुनपुरा, विकास भवन, विद्युत भवन, जंक्शन, मीठापुर बस स्टैंड आदि मेट्रो स्टेशन होंगे।
दूसरा कॉरिडोर यानि नार्थ-साउथ कॉरिडोर
नार्थ-साउथ कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किमी होगी। जिसमें 9.90 किमी एलीवेटेड और 5.55 किमी अंडरग्राउंड होंगे। इस कॉरिडोर में स्टेशनों की संख्या 12 होगी। इस रूट में पटना जंक्शन, पटना जंक्शन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पीयू, प्रेमचंद्र रंगशाला, राजेन्द्र नगर टर्मिनल, एनएमसीएच, कुम्हरार, गांधी सेतु जीरोमाइल, आईएसबीटी आदि मेट्रो स्टेशन होंगे।
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कौन कितना खर्च वहन करेगा
पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने पर 13365.77 करोड़ रुपये की लागत आएगी। योजना पर खर्च होने वाली राशि का 20 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार और 20 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी। जबकि शेष 60 प्रतिशत राशि का प्रबंध पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का करना होगा। इस राशि का प्रबंध कॉरपोरेशन बैंक लोन और दूसरे सॉफ्टलोन से हो सकेगा।
2016 में शुरू हुआ मेट्रो परियोजना पर काम
बिहार सरकार ने दो मार्च 2016 को पटना मेट्रो की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अपनी मंजूरी दी थी। सितंबर 2016 में इसे शहरी विकास मंत्रालय को सौंपा गया। इस परियोजना का डीपीआर राइट्स कंपनी ने बनाया है। मंत्रालय ने राज्य सरकार को मेट्रो रेल पॉलिसी बनाने को कहा और इसके आधार पर फाइनल रिपोर्ट मांगी। जिसके बाद राज्य सरकार की सहमति प्राप्त करते हुए मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के प्रावधानों पर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के साथ पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन एसपीवी मॉडल कराने के लिए डीपीआर, सीएमपी और अल्टरनेटिव एनालाइसिस सहित परियोजना प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था।