नालंदा के किन 75 पंचायतों के किसानों को सूखा राहत के तहत का मिलेंगे पैसे.. जानिए

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बिहार सरकार ने सुखाड़ से परेशान किसानों को राहत दिलाने के लिए तत्काल किसानों को 3 हजार रुपये की सहायता देने का एलान किया है । इसके लिए नालंदा जिले के 75 पंचायतों का ही चयन हुआ है ।

किस आधार पर हुए हैं चयन
दरअसल, नालंदा जिला के उन पंचायतों का ही चयन हुआ है . जहां या तो 30 प्रतिशत से कम बारिश हुई है या फिर 70 प्रतिशत से कम धान की रोपनी हुई है । आपदा प्रबंधन विभाग ने जिले के 12 प्रखंडों के 75 पंचायतों को चिन्हित किया है। इस साल नालंदा जिले में बारिश काफी कम हुई है। सिर्फ 65 पंचायतों में ही धान रोपाई का काम औसतन ठीक-ठाक है। शेष पंचायतों में 70 प्रतिशत से काफी कम रोपनी हो पायी है।

भूजल के स्तर में भी गिरावट
पिछले तीन सालों से वर्षा के अनुपात में गिरावट आ रही है। जिसकी वजह से तेजी से भू जल का स्तर गिरा है । कई चापाकल फेल हो गए हैं. कुएं भी सूख गए हैं . नतीजा किसानों को सुखाड़ का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति ये है कि रोपे गये फसल को भी बचाना चुनौती है। इस वर्ष भी काफी कम रोपनी हुई है। मात्र 65 पंचायतों में 90 से 100 प्रतिशत रोपनी हो पायी है। 18 पंचायतों 50 और 62 पंचायतों में 70 प्रतिशत से कम रोपनी हो पायी है। वर्षापात का अनुपात भी 22.60 एमएम कम है। 1 लाख 28 हजार 100 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य था लेकिन 93 हजार 208 हेक्टेयर में ही रोपनी हो पाया है

किस प्रखंड की कौन पंचायत
नगरनौसा : अरियांवा
चंडी : नरसंडा, अरौत एवं सिरनावां
वेन : वारा, अकौना
सरमेरा : केनार, ससौर, मीरनगर, हुसैना, धुनकी, चेरो, सरमेरा एव मलांवा
रहुई : उतरनावां, सोसाही, पैठना, दोसुत, सोनसा, मई फरीदा
हरनौत : चेरन, वसनियावां एवं गोनावां
सिलाव : नीरपुर, पावाडीह, धराहरा, नानंद, बड़ाकर, गोरमा, गोरावां एवं घोस्तावां
हिलसा : पूना, जुनियार, बारा, कपसियावां, रेडी, मिर्जापुर, कावां एवं कामता
करायपशुराय: डियांवा
इस्लामपुर : इचहोस, मोजफरा, असत्मा, वेले, महमुदा, चंधारी, रानीपुर, ढेकवाहा, सकरी, वरडीह एवं सुढ़ी
एकंगरसराय : गोमहर, मण्डाछ, धुरगांव, एकंगरसराय, जमुआवां, ओप, पारथु,नारायणपुर, दनियांवा-पेन्दापुर, अमनारखास, तेल्हाड़ा, कोशियावां, वादराबाद, केशोपुर, एकंगरडीह, सोनियावां, औंगारी

15 अक्टूबर के बाद हो सकता है सुखाड़ग्रस्त घोषित
नालंदा के जिला कृषि पदाधिकारी के मुताबिक 15 अक्टूबर को आधार मानते हुए खेतों की स्थिति देखकर प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया जायेगा। उक्त समय सीमा तक खेतों में पड़े दरार, फसल मुरझाने की स्थिति और 33 या उससे कम प्रतिशत अच्छादन को आधार माना जायेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 1 लाख 28 हजार 100 हेक्टेयर में धान आच्छादन का लक्ष्य था लेकिन 93 हजार 208 हेक्टेयर में ही आच्छादन हो पाया। औसतन 72.76 प्रतिशत ही अच्छादन हो पाया है।

तैयार की जा रही सूची
चयनित पंचायतों के परिवारों को लाभ दिलाने के लिए सूची तैयार की जा रही है। सभी बीएओ, कोआर्डिनेटर और किसान सलाहकार को चयनित परिवारों से परिवार की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। प्रखंड स्तर से उपलब्ध सूची को विभाग के पास भेजा जायेगा और स्वीकृति के बाद सीधे किसानों के खाते में राशि भेजी जायेगी।

तीन सालों से लगातार आ रही है कमी
विभागीय आंकड़ा के अनुसार विगत तीन सालों से जिले में वर्षापात का अनुपात लगातार गिरता जा रहा है। इस वर्ष अब तक 88 एमएम बारिश होना था जिसमें 68.12 एमएम ही बारिश हो पायी है। यानी 22.60 एमएम बारिश कम हुई है। वार्षिक अनुपात देखा जाय तो 2017 में 7.97, 2018 में 12.39 एवं 2019 में 27.74 प्रतिशत वर्षा कम हुई है। पिछले दो वर्षों में जुलाई में वर्षा की स्थिति ठीक रही है लेकिन इस वर्ष तीनों महीने में वर्षा की स्थिति माइनस में रहा है।

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