केंद्र सरकार के ऑपरेशन ग्रीन के तहत बिहार से सिर्फ नालंदा का आलू-प्याज की खेती के लिए चयन किया गया है। किसानों की समस्याओं को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने 2018-19 के बजट में ऑपरेशन ग्रीन मिशन की घोषणा की थी। इसके तहत आलू, प्याज और टमाटर को सड़ने गलने एवं बर्बादी से रोकने और संरक्षित करने के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिसमें 50 फीसदी की सब्सिडी देने का भी प्रावधान है।
क्या है ऑपरेशन ग्रीन मिशन
जल्दी खराब होने वाली टमाटर, आलू-प्याज आदि की कीमतों को नियंत्रित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। इस मिशन के तहत कृषि उत्पादन संगठनों (एफपीओ), कृषि उत्पादों की सप्लाई (कृषि लाजिस्टिक्स) एवं प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) सुविधाओं के क्षेत्र में व्यवसायिक प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए 500 करोड़ रुपए के बजट के साथ योजना को संचालित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाएगी।
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नालंदा जिले में कृषि उत्पादन संगठन एवं प्रसंस्करण
नगरनौसा वेजीटेबुल प्रोड्यूसर कम्पनी, अंधना फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी, नूरसराय जुनेदी फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी, सिलाव श्री सुखदेव फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी, चंडी एकंगरसराय कृषि फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड, हिलसा कृषक फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड, चंडी कृषक फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड, हरनौत फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड,नगरनौसा कृषक फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड,इसलामपुर कृषक फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड
जिले में चालू हालत में है 17 कोल्ड स्टोरेज
नालंदा जिले में 17 कोल्ड स्टोरेज आलू और 5 कोल्ड स्टोरेज प्याज के लिए कार्यरत है। जिला में कुल 44 कोल्ड स्टोर थे। लेकिन बिजली के अभाव और आर्थिक तंगी के कारण 27 कोल्ड स्टोर बंद हो गया और वर्तमान में 17 कोल्ड स्टोर चालू है जिसमे लगभग 5 लाख टन आलू रखने की क्षमता है। इसके बावजूद लगातार पैदावार अधिक होने के कारण किसानो का आलू या तो खेत में या फिर घरों में सड़ जाता है।
नालंदा में आलू और प्याज की स्थिति
नालंदा जिला में आलू का पैदावार-27172 हेक्टेयर, जबकि उत्पादन-565178 मीट्रिक टन है,वहीं प्याज का पैदावार-5967 हेक्टेयर,जबकि उत्पादन-144401 मीट्रिक टन है।
इन योजनाओं की दी गई मंजूरी
आलू, प्याज और टमाटर के उत्पादन से भंडारण तथा समुचित भंडारण सुविधा के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। लंबी अवधि की योजना के तहत समेकित वैल्यू चेन विकास परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में क्षमता निर्माण और उसके परिसंघ, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन, फसल उत्पादन के बाद प्रसंस्करण सुविधा, कृषि लाजिस्टिक, विपणन और खपत तथा मांग एवं आपूर्ति प्रबंधन के लिए इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म का निर्माण योजना को मंजूरी दी गई है।