बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी ने जेडीयू को कई सीटों पर हराने का काम की. जिससे जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खासे नाराज हैं. बताया जा रहा है कि जल्द ही बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी का एकमात्र चिराग बुझने वाला है. बीएसपी के जमा खान के बाद अब एलजेपी के राजकुमार सिंह पाला बदल सकते हैं.
मुलाकात हुई क्या बात हुई?
बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी से एकमात्र विधायक जीते थे. बेगुसराय के मटिहानी से राजकुमार सिंह ने चुनाव जीता था.राजकुमार सिंह ने जदयू के बाहुबली विधायक बोगो सिंंह को हराया था. राजकुमार सिंह को चिराग पासवान का करीबी माना जाता है. मटिहानी से विधायक राजकुमार सिंह आज जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष और नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात की. माना जा रहा है कि राजकुमार सिंह जल्द ही एलजेपी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो सकते हैं.
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राजकुमार की सफाई
हालांकि अशोक चौधरी से मुलाकात पर राजकुमार सिंह ने अपना पक्ष साफ कर दिया है. उन्होने कहा, “मैं बिल्कुल चिराग पासवान के साथ हूं. अशोक चौधरी जी से मैं मिलने आया था क्योंकि उनसे मेरी पुरानी दोस्ती रही है. लेकिन अभी मैं अपने क्षेत्र की कुछ समस्या को लेकर उनसे मिलने आया था. जहां मैंने पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में भाग लिया”. उन्होंने यह भी कहा कि चिराग पासवान नीतीश कुमार को समर्थन दे रहे हैं या नहीं ये पार्टी की बात है. मैं अभी व्यक्तिगत मुलाकात के लिए आया था. इसका मुलाकात का कोई राजनीतिक मतलब ना निकाले.
चिराग से सिर्फ एक बार मिले हैं
राजकुमार सिंह ने ये भी कहा कि चिराग पासवान से उनकी बस एक बार मुलाकात हुई है. नए साल के मौके पर उन्होंने एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं. इसके अलावा उनसे कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है. हमलोग एनडीए के साथ हैं और एनडीए के साथ रहेंगे. यही अभी तक पार्टी की लाइन और विचारधारा है.
नीतीश कुमार एक आदर्श मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के प्रति चिराग पासवान की राय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आप इस संबंध में मुझसे नहीं पूछें. मेरी इसपर अपनी राय है. नीतीश कुमार शुरू से अच्छे रहे हैं और मैं उनको हमेशा से एक आदर्श मुख्यमंत्री मानता रहा हूँ. जब मैं कांग्रेस में था तब भी मैं नीतीश जी के मुख्यमंत्रीत्व से काफी संतुष्ट था और उनकी सराहना करता था.
कौन नहीं बनना चाहता है मंत्री
मंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये मुझसे बेहतर आपलोग समझ रहे हैं कि मुझे मंत्री बनने का मौका मिलेगा या नहीं. अगर मौका किसी को मिले तो मंत्री बनना कौन नहीं चाहता है. अगर मुझे मौका मिला तो मैं मंत्री बनूँगा. चिराग पासवान से इसपर राय लेने के संबंध में उन्होंने कहा कि समय आने पर देखा जाएगा कि उनसे इसपर राय लेनी है या नहीं.
नंबर बढ़ाने में जुटी जेडीयू
बिहार में जल्द ही कैबिनेट विस्तार संभावित है. इससे पहले, जेडीयू अपने विधानमंडल को मजबूत करने में लगी है. राज्य में जेडीयू के अभी 44 विधायक हैं. वहीं एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है. अगर लोजपा विधायक जदयू में शामिल होते हैं, तो विधायकों की संख्या 45 पर पहुंच जाएगी.