जिले का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर की हुई शुरुआत

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सोहसराय के जलालपुर स्थित मोती मेमोरियल हॉस्पिटल में जिले का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर की शुरुआत की गई | सोमवार को मोती आईवीएफ सेंटर का उद्घाटन डॉ अरुण कुमार एवं डॉ सुषमा सिंह द्वारा किया गया | इस मौके पर उन्होंने सेंटर की संचालिका डॉ सुषमा और डॉ अवधेश कुमार को अपनी ओर से बधाई देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में निःसंतान दंपतियों के लिए यह सेंटर मील का पत्थर साबित होगा | इस मौके पर मोती आईवीएफ केंद्र की निदेशिका डॉ सुषमा कुमारी ने बताया कि इस सेंटर में अत्याधुनिक विधि से निःसंतान दंपत्ति या अन्य कोई बीमारी जैसे फैलोपियन ट्यूब बंद हो जाना ,रसौली। अनियमित महावारी,कम शुक्राणु या अंडाणु का नहीं बनना जैसे कारणों से जिनका संतान नहीं हो रहा है | वे यहाँ आकर अत्याधुनिक तकनीक द्वारा संतान की प्राप्ति कर सकते हैं | इसके लिए वैसे इच्छुक दंपति जिनकी उम्र अधिकतम 40 से 45 वर्ष है | वे यहां आकर 2 से 3 माह के भीतर इस अत्याधुनिक इलाज के माध्यम से गर्भधारण कर सकते हैं | इससे पहले यहां के मरीजों को संतान प्राप्ति के इलाज के लिए दूसरे शहरों का सहारा लेना पड़ता था | जिससे उनका आर्थिक और मानसिक परेशानी के साथ साथ समय की भी बर्बादी होती थी | इस मौके पर मोती मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि इस केंद्र में काफी रियायती दर पर गरीब एवं मध्यम आय के दंपतियों का इलाज किया जाएगा और वे संतान को प्राप्त कर सकेंगे | इस मौके पर डॉ संदीप कुमार, सुरेश कुमार शर्मा ,प्रभा देवी,के अलावे हॉस्पिटल के कई चिकित्सक और कर्मी मौजूद थे |

क्या है टेस्ट ट्यूब बेबी

टेस्ट ट्यूब बेबी को दूसरे शब्दों में आईवीएफ (IVF) इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन भी कहा जाता है। टेस्ट ट्यूब बेबी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पुरूष के शुक्राणुओं तथा माता के अंड को निकालकर उसे मिलाया जाता है और भ्रूण तैयार किया जाता है और सबसे अच्छे भ्रूण को वापस महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। इसे ही आईवीएफ (IVF) उपचार या टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है।

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