ओबीसी आरक्षण से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है. ओबीसी में क्रीमी लेयर को लेकर गठित संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.क्रीमी लेयर के लिए आय की सीमा बढ़ाने की बात कही गई है. साथ ही वेतन और कृषि संबंधित आय को शामिल नहीं करने की सिफारिश की गई है.
आय की सीमा बढ़ाने की सिफारिश
अन्य पिछड़ा वर्ग में क्रीमी लेयर (OBC Creamy Layer Category) के आय की सीमा को आठ लाख से 15 लाख किया जा सकता है. इस संबंध में संसद की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है. पिछड़ा वर्ग कल्याण से संबंधित स्थायी समिति ने अपनी सिफारिश में आय की सीमा को आठ लाख से 15 लाख करने और वेतन एवं कृषि से संबंधित आय को इसके निर्धारण में शामिल नहीं करने की सिफारिश की है.
गणेश सिंह की अध्यक्षता में समिति
बीजेपी सांसद गणेश सिंह पिछड़ा वर्ग कल्याण से संबंधित स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में क्रीमी लेयर को तर्कसंगत की सिफारिश की है. बताया जा रहा है कि क्रीमी लेयर के निर्धारण में कृषि आय को शामिल नहीं किया जायेगा. समिति का कहना है कि आठ लाख रुपये की सीमा होने होने के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग के काफी अभ्यर्थी सुविधा का लाभ नहीं ले पाते हैं, चूंकि देश में आरक्षण का आधार सामाजिक पिछड़ापन है इसलिए भी समिति के कई सदस्य क्रीमी लेयर की व्यवस्था से खुश नहीं हैं.
अब तक क्या है व्यवस्था
मंडल कमीशन की सिफारिशें देश में लागू होने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि क्रीमी लेयर में आने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती है. वर्तमान व्यवस्था में क्रीमी लेयर की सीमा 8 लाख रुपये है. यानी आठ लाख या उससे अधिक आय वाले परिवारों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है.अगर आय की सीमा बढ़ाई जाती है तो क्रीमी लेयर के लिए इनकम की सीमा बढ़ जाएगी. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने प्रस्ताव किया है कि क्रीमी लेयर को तय करने के लिए सैलरी को शामिल किया जाना चाहिए.