जदयू महासचिव और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह यानि रामचंद्र प्रसाद सिंह राज्यसभा में सामान्य वर्ग के छात्रों के कल्याण को लेकर बड़ा मुद्दा उठाया है. उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में सभी वर्गों के उम्मीदवारों के लिए समान उम्र सीमा का मामला उठाया है। राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह ने केंद्र सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।
आरसीपी सिंह ने क्या कहा
आरसीपी सिंह ने कहा कि इस समय एससी, एसटी, ओबीसी, क्रीमी लेयर और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण मिल रहा है। ऐसे समय में जरूरी हो गया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अधिकतम उम्र सीमा का प्रावधान सभी श्रेणी के छात्रों के लिए एक समान हो जाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों के बीच होने वाला तनाव भी दूर होगा।
सभी की आयु 40 साल हो
आरसीपी ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उम्र सीमा के निर्धारण एक समान करने के दूरगामी परिणाम होंगे। विद्यार्थियों में पढ़ाई करते समय ही प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर एक प्रकार का भय का माहौल रहता है। हर बच्चे के मन में रहता है कि इतनी आयु के बाद हमें परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिलेगा। अब जबकि आरक्षण का दायरा बढ़ गया है, तब विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में मिलने वाली आयु सीमा की छूट को भी समाप्त किया जाना चाहिए। अगर देखें तो यूपीएससी की परीक्षाओं में सामान्य वर्ग को 32 साल और आरक्षित वर्ग को 40 साल तक परीक्षा में बैठने का मौका मिलता है। समान उम्र सीमा की व्यवस्था लागू करने पर केंद्र सरकार को कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री से मांग करेगा जेडीयू
छात्र जदयू के प्रभारी डॉ. रणवीर नंदन ने कहा कि हमारा संगठन राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह का आभारी है, जिन्होंने आम बच्चों को लेकर एक बड़ा ही महत्वपूर्ण मसला संसद के वर्तमान सत्र में उठाया है। गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले को बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत लागू कर दिया। इसी तरह जदयू प्रतियोगिता परीक्षा में सभी वर्गों के छात्रों के लिए एकसमान उम्र सीमा की व्यवस्था बिहार में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री को जल्द ही ज्ञापन देगा। इस सिलसिले में छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्याम पटेल की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।