नालंदा में एक कंप्यूटर ऑपरेटर को काम करने के बदले घूस मांगना महंगा पड़ गया है। नालंदा के डीएम योगेंद्र सिंह जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर को बर्खास्त करने की बात कही है ।
क्या है पूरा मामला
राजगीर स्थित ट्रेजरी कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर राजीव पर आरोप है कि 44 हजार के पेमेंट का बिल पास करने के एवज में उसने 5 हजार रुपए की घूस की मांग की थी। ये आरोप राजगीर आईटीआई की टीचर आरती साहा ने लगाया है। उनका कहना है कि बार बार बिल पास करने के एवज में राजीव 5 हजार रुपए मांग रहा था।
डीएम की दखल के बाद पास हुआ बिल
आरती साहा का कहना है कि 31 मार्च को क्लोजिंग के बावजूद जब बिल पास नहीं किया जा रहा था तो उन्होंने इस मामले में डीएम के सरकारी मोबाइल नंबर पर लिखित रूप से शिकायत दर्ज करायी। डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया जिसके बाद बिल पास हुआ और उनकी राशि खाते में हस्तांतरित हो पायी। आरती साहा ने कहा कि इस बिल को बनवाने से लेकर उसे पास कराने तक उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।
बर्खास्त होगा आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर
नालंदा के डीएम योगेंद्र सिंह ने कहा – भ्रष्ट आचरण वाले कर्मी पर होगी कार्रवाई | डीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि पीड़िता की मोबाइल पर लिखित शिकायत त्वरित कार्रवाई करते हुये शिक्षिका के बिल को तुरंत पास करने का निर्देश ट्रेजरी ऑफिसर को दिया। उन्होने बताया कि भ्रष्ट आचरण वाले कर्मी पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होने भ्रष्टाचार के मामले में कर्मी को बर्खास्तगी की बात कही है।