भारत-चीन सीमा विवाद अब बड़े तनाव में तब्दील होता जा रहा है। लद्दाख की गालवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसमें भारत के एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए। भारत-चीन सीमा पर 53 साल यानी 1967 के बाद ऐसे हालात बने हैं, जब भारत के जवानों ही शहादत हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प डी-एक्सकेलेशन की प्रोसेस के दौरान हुई। डी-एक्सकेलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं तनाव कम करने की कोशिश में हैं।
Violent-face off between Indian and Chinese troops in Galwan Valley, three Army personnel, including an officer, dead
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— ANI Digital (@ani_digital) June 16, 2020
राजनाथ सिंह ने बुलाई इमरजेंसी बैठक
लद्दाख में चीनी सेना के हमले में भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इमरजेंसी बैठक बुलाई. जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और तीनों सेना के प्रमुख शामिल थे. साथ ही बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी देंगे ।
Defence Minister Rajnath Singh held a meeting with Chief of Defence Staff General Bipin Rawat, the three service chiefs and External Affairs Minister Dr S Jaishankar. Recent developments in Eastern Ladakh were discussed. pic.twitter.com/0HiE9jBdDj
— ANI (@ANI) June 16, 2020
1967 में भी ऐसा ही टकराव हुआ था
11 सितंबर 1967 को सिक्किम के नाथू-ला में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद 15 सितंबर 1967 को भी झड़प हुई। विवाद अक्टूबर 1967 में जाकर थमा था। चीन ने तब दावा किया था कि नाथू ला में झड़प के दौरान उसके 32 सैनिक मारे गए थे। वहीं, भारत के 65 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं, चो ला झड़प में भारत के 36 जवान शहीद हुए थे।