बिहार में काल बैसाखी काल बनकर टूट सकता है । मौसम विभाग के मुताबिक अगले 72 घंटे बिहार पर भारी पड़ सकता है। कई इलाकों में आंधी-पानी के साथ साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है । इतना ही नहीं गंगा के तटवर्ती हिस्से और हिमालय के तराई इलाके में तेज आंधी के साथ-साथ बिजली कड़क सकती है। ओलावृष्टि की भी संभावना है। कुछ इलाकों में बादल गरजने के साथ-साथ तेज हवाएं भी चल सकती हैं।
क्या है काल बैसाखी
अप्रैल-मई के महीने में समुद्र की ओर से चलने वाली हवाएं, स्थल की गर्म हवाओं से टकराकर खतरनाक रूप ले लेती हैं। विभिन्न राज्यों में इसका अलग-अलग नाम है। पूर्वोत्तर में ऐसी स्थिति को नार्वेस्टर कहते हैं, जबकि इससे होने वाली व्यापक तबाही को देखते हुए बिहार-झारखंड और पश्चिम बंगाल में काल बैसाखी कहा जाता है।पिछले 30 मार्च और सात अप्रैल को बिहार को ऐसी ही स्थितियों का सामना करना पड़ा था, जिनमें दर्जनों लोगों की जानें गई थीं। फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा था। कई घर तबाह हो गए थे। मौसम विभाग के मुताबिक स्थितियां अभी बनी हुई हैं। दो-चार घंटे के दौरान किसी भी इलाके में काल बैसाखी की स्थिति बन सकती है।
10 अपैल तक मांगी नुकसान की रिपोर्ट
कृषि विभाग ने आंधी-पानी से हुए फसलों के नुकसान की भरपाई में जुटा है। कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सभी प्रभावित जिलों के कृषि पदाधिकारियों को क्षति के आकलन का निर्देश दे दिया है। मंगलवार तक रिपोर्ट मांगी गई है, जिसे संबंधित जिलों के डीएम के जरिए आपदा प्रबंधन विभाग के पास भेजा जाएगा। फसलों की क्षति की भरपाई की जाएगी।