
नालंदा जिले के कई गांवों के किसान नीलगाय के आतंक से परेशान हैं । हालत ये है कि किसान रात रात भर जागकर खेतों की रखवाली कर रहे हैं । लेकिन नीलगाय उनकी खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद कर दे रही है । नील गाय के आतंक से सबसे ज्यादा परेशान टाल क्षेत्र के किसान हैं
एसडीएम से लगाई गुहार
हरनौत के टाल क्षेत्रों में फसल की बर्बादी से परेशान किसानों ने एसडीएम को आवेदन दिया है। दर्जनों किसानों ने एसडीएम को आवेदन देकर नालंदा-पटना बॉर्डर के टाल क्षेत्र में हो रही फसल बर्बादी को रोकने की मांग की है। किसानों ने कहा कि टाल क्षेत्रों में एकफसलीय खेती होती है। खासकर आसपास के किसान दलहन और तेलहन की खेती करते हैं। पानी जमे रहने के कारण खरीफ फसल नहीं हो पाती है। सिरसी, बराह, कल्याण बिगहा, बिरजू मिल्की, सागरपर, नूरनगर, भोजपुर, पाकड़, मुस्तफापुर आदि गांवों के किसान मसूर की खेती पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। काफी मेहनत के बाद फसल उपजायी जिसको नीलगाय बर्बाद कर रहा है।
पटवन कर मसूर की फसल लगाई
किसानों का कहना है कि सही समय पर बारिश नहीं होने के कारण खेत में नमी नहीं हो पायी थी। इस वजह से किसी तरह पटवन कर मसूर की फसल लगायी गयी। उसके बाद उकठा रोग से किसान काफी परेशान हुए। बहुत मेहनत के बाद बची फसल को नीलगाय बर्बाद कर रहा है। इसके चलते किसान काफी उदास हैं। अंतिम समय में कई तरह की बाधाएं किसानों के सामने आ खड़ी हुई हैं। कई बार नीलगायों को मारने के लिए शूटर भेजा जाता था।
अब न तो घुड़सवार आता है न ही शूटर
फसल चुराने वाले चोरों से निजात पाने के लिए टाल क्षेत्र में घुड़सवार की तैनाती की जाती है लेकिन इस बार न घुड़सवार न शूटर भेजा गया। इसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। किसानों की परेशानी को देखते हुए विधान परिषद सह सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी से बात की गयी है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जिला प्रशासन को किसानों की परेशानी को देखते हुए कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही किसानों की समस्या का निदान हो जाएगा।