नालंदा कॉलेज में धरना पर बैठे छात्र.. प्रिंसिपल के खिलाफ खोला मोर्चा

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बिहारशरीफ के सबसे बड़े कॉलेज नालंदा कॉलेज में छात्रों धरना दिया। छात्र नालंदा कॉलेज परिसर में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की शाखा खोले जाने की मांग कर रहे है। साथ ही एमबीए, एमसीए का नामांकन पुन: चालू कराने कराने की मांग कर रहे हैं । छात्र जद यू के कार्यकर्ताओं ने नालंदा कॉलेज के प्रिंसिपल रूम के बाहर धरना दिया और हस्ताक्षर अभियान चलाया।

छात्रों का क्या है आरोप
छात्र जेडीयू के जिलाध्यक्ष धनंजय देव ने कहा कि नालंदा कॉलेज में एमबीए और एमसीए की पढ़ाई पूर्व में चल रही थी। लेकिन पूर्व प्रिंसिपल की नाकामी की वजह से पिछले दो सालों से एडमिशन पर रोक लगा है । जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नालंदा कॉलेज में एकमात्र स्नातकोत्तर की पढ़ाई हो रही है। एमबीए और एमसीए के नामांकन में रोक लग जाने से छात्रों को बाहर जाना पड़ रहा है। हद तो यह है कि इस संकाय को चालू कराने के लिए कोई ठोस पहल भी आरंभ नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि जब तक छात्रों की मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक छात्र जद यू का संघर्ष और आंदोलन जारी रखेगा।

प्रिंसिपल का क्या है कहना
वहीं नालंदा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर शैलेंद्र कुमार का कहना है कि एआइसीटीई की टीम जांच के लिए यहां आई थी। जांच में बहुत सारी जरूरतों पर गहन मंथन किया गया। रिपोर्ट में यह अंकित कर दिया गया कि यहां पर एमबीए और एमसीए की पढ़ाई के लिए कॉलेज अहर्ता पूरी नहीं कर रहा है। इस कारण नामांकन पर रोक लगा दी। जांच टीम कॉलेज के जमीन का पेपर, लैंड कनवर्जन सर्टिफिकेट की मांग की, जो संभव नहीं था। जिस समय से यह कॉलेज है, उस समय लैंड कनवर्जन हुआ ही नहीं था। वैसे अपने स्तर से मैं पूरा प्रयास कर रहा हूं कि छात्रों के लिए फिर से नामांकन की अनुमति प्रदान की जाए।

छात्रों की क्या है मांगें
पाटलिपुत्र विवि की शाखा कार्यालय नालंदा कॉलेज में खुले।
एमबीए-एमसीए का नामांकन पुन: चालू कराई जाए।
एनसीसी की एक यूनिट पुन: चालू कराई जाए।
शैक्षणिक कैलेंडर लागू कराई जाए।
बीएड की परीक्षा केन्द्र नालंदा में ही हो।

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