IPS कुमार आशीष समेत बिहार के 7 पुलिस अफसरों को सम्मानित करेगा केंद्र .. जानिए क्यों

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केंद्र सरकार बिहार के सात अधिकारियों को अनुसंधान में शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित करेगी। हर स्वतंत्रता दिवस के पूर्व पदक के लिए चयनित पुलिस अधिकारियों के नामों की घोषणा की जाती है।

किस-किस का हुआ चयन
बिहार के जिन सात अफसरों का गृहमंत्री पदक के लिए चयन हुआ है. उसमें IPS अफसर और किशनगंज के एसपी कुमार आशीष के अलावा निगरानी विभाग के इंस्पेक्टर विनोद कुमार पांडे और संजीव कुमार शामिल हैं. इसके अलावा बेगूसराय जिला बल के सब इंसपेक्टर विवेक भारती शामिल हैं. वहीं, सीबीआई के इंस्पेक्टर विभाग कुमारी, राकेश रंजन और परवेज आलम को सम्मानित किया जाएगा. ये पुरस्कार अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए हर साल गृह मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।

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कुमार आशीष का चयन क्यों
गृह मंत्रालय द्वारा सम्मानित किए जाने वाले कुमार आशीष बिहार कैडर के एकमात्र आईपीएस अफसर हैं. उन्हें ये सम्मान कोढ़ोबाड़ी सामूहिक दुष्कर्म मामले में किए गए अनुसंधान के लिए दिया जाएगा. इस मामले में उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी सात आरोपियों को महज 30 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं आठ महीने के भीतर सभी को आजीवन कारावास की सजा दिलायी थी. कुमार आशीष 2012 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस हैं और अभी किशनगंज के एसपी हैं

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क्या है कोढ़ोबाड़ी गैंगरेप
दरअसल,कोढ़ोबाड़ी थाना क्षेत्र में 12 फरवरी 2019 को सात लोगों ने पिता को बंधक बनाकर उनके सामने युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। मामला संज्ञान में आते ही एसपी के निर्देश पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी टीम का गठन किया। टीम के सदस्यों ने मात्र 30 घंटे के भीतर पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि पुलिस की छापेमारी से घबराकर दो आरोपित ने स्थानीय न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। स्पीडी ट्रायल के दौरान तीन अक्टूबर 2019 को एडीजे प्रथम सुजीत कुमार सिंह ने सभी आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा के साथ 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस मामले के सफल उदभेदन के लिए एसपी कुमार आशीष सहित जिले के 16 पुलिसकर्मियों को सोनपुर में आयोजित बिहार पुलिस पारितोषिक वितरण समारोह में डीजीपी के द्वारा सम्मानित किया गया था। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सभी पुलिस कर्मियों को नगद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया था।

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बिहार के सम्मानित होने वाले अन्य अफसर
1994 बैच के इंस्पेक्टर विनोद कुमार पांडेय और संजीव कुमार की पोस्टिंग वर्तमान में पटना स्थित निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में हैं. अब तक इन दोनों की टीम कई घूसखोर सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ चुकी है. वहीं, बेगूसराय में पोस्टेड 2009 बैच के सब इंस्पेक्टर विवेक भारती का परफॉर्मेंस अब तक काफी बढ़िया रहा है जिसका इनाम उनको मिल रहा है.

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मुजफ्फरपुर कांड के लिए विभा कुमारी सम्मानित होंगी
गृह मंत्री द्वारा अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए दिए जानेवाले पदक हेतु सीबीआई के 15 अफसरों का चयन किया गया है। इनमें मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में त्वरित और शानदार अनुसंधान के लिए सीबीआई की पटना में तैनात इंस्पेक्टर विभाग कुमारी का नाम भी शामिल हैं। इस बहुचर्चित मामले में सीबीआई की जांच के बाद मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को सजा सुनाई गई है।

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परवेज आलम को मिलेगा सम्मान
झारखंड में युवती की जघन्य हत्या के केस को सुलझाने के लिए सीबीआई इंस्पेक्टर परवेज आलम का भी चयन गृह मंत्री द्वारा दिए जानेवाले पदक के लिए किया गया है। इस केस को सुलझाने के लिए 11 लोगों के ब्लैड सैंपल लिए गए थे और डीएनए प्रोफाइलिंग कराने के बाद अभियुक्त राहुल कुमार की इस घटना में संलिप्ता साबित हुई थी।

राकेश रंजन को भी मिलेगा सम्मान
बिहार के रहनेवाले सीबीआई इंस्पेक्टर राकेश रंजन को कर्नाटक के चर्चित योगेश गौड़ा हत्याकांड को सुलझाने के लिए गृह मंत्री के पदक से सम्मानित किया जाएगा।

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किस राज्य से कितन अफसर होंगे सम्मानित
देशभर के विभिन्न राज्य पुलिस एवं केंद्रीय अनुसंधान संगठनों के 21 महिला अधिकारियों सहित कुल 121 अधिकारियों को यह पदक दिया जाएगा। जिसमें सीबीआई के 15, मध्यप्रदेश के 10, महाराष्ट्र के 10, उत्तर प्रदेश के आठ, केरल के आठ, बंगाल के सात, राजस्थान के छह, दिल्ली के छह, एनआईए के पांच, तमिलनाडु के छह और शेष अन्य प्रदेशों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों और जांच एजेंसियों से संबंधित पुलिस कर्मी है। पुरस्कृत पुलिस कर्मियों में 21 महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।

इसलिए दिया जाता है पदक
गृह मंत्रालय द्वारा अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसियों के साथ राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की पुलिस एजेंसियों के अफसरों को पदक प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। इसके पीछे का उद्देश्य आपराधिक घटनाओं की जांच में उच्च पेशेवर मानकों को प्रोत्साहित करना और पुलिस अधिकारियों द्वारा जांच के दौरान प्रदर्शित की गई उत्कृष्टता को पहचान दिलाना है।

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