छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले में नालंदा के लाल रौशन कुमार शहीद हो गए. सिलाव प्रखंड के फतेहपुर गांव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान रौशन के शहीद होने की सूचना जैसे ही गांव और परिवारवालों को लगी कि पूरे गांव में मातम पसर गया.
2017 में ज्वाइन की थी नौकरी
रौशन ने शुरुआती पढ़ाई के दौरान ही देश के लिए सेवा करने की प्रण लिया था. साल 2017 सीआरपीएफ के 195 बटालियन में जवान के रूप में चयनित होने के बाद छत्तीसगढ़ के सुकमा में ज्वाइन किया था. वहीं उनकी ट्रेनिंग हुई थी. बुधवार वे जगदलपुर के पुष्पाल कैंप से सर्चिंग के लिए निकले ही थे कि पहले से नक्सलियों द्वारा बिछाई गई आईडी ब्लास्ट में वे शहीद हो गए.
पिता बोले- बेटे पर गर्व
पिता प्रताप राम को अपने बेटे को खोने का बेहद गम है, लेकिन वे गौरवान्वित महसूस करते हैं कि उनके बेटे ने देश सेवा के लिए अपनी शहादत दी है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि जिस तरह से पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मार गिराया है, उसी तरह से देश मे पनप रहे नक्सलियों को भी चुन-चुन कर खत्म करे.
माता-पिता को दिल की बीमारी
वहीं, बता दें कि शहीद रौशन के पिता और माता को दिल की बीमारी है. गमगीन माता-पिता कहते हैं आस थी कि बेटा इलाज करवाएगा, लेकिन भगवान को शायद यह मंजूर नहीं था. वहीं, इधर शहीद जवान के पिता अपनी इकलौती बेटी की शादी के लिए पैसे की जुगाड़ में लगे हुए थे. चार भाइयों में तीसरे बेटे की नौकरी लगने के वाद वह अपनी बेटी की शादी धूमधाम से करने की सोची थी, लेकिन इसी बीच घर पर दुःख का पहाड़ गिर गया. शहीद रौशन के भाई पुटुस राम कहते हैं कि बेटी की शादी करना तो दूर घर चलाना मुश्किल हो गया है. बटाई पर खेती करने वाला यह परिवार केंद्र और राज्य सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.