नालंदा लोकसभा सीट पर नीतीश कुमार ने कौशलेंद्र पर क्यों लगाया दांव.. जानिए

0
nalanda news,nalanda loksabha seat,nalanda lokasabha seat 2019,loksabha chunav 2019,kaushlendra kumar,who is kaushlendra kumar,bihar politics,nalanda politics,why nitish kumar favour kaushlendra kumar,नालंदा न्यूज,नालंदा लोकसभा सीट,कौशलेंद्र कुमार, जेडीयू सांसद,लोकसभा चुनाव 2019,नालंदा लोकसभा सीट का समीकरण,नीतीश कुमार, कौशलेंद्र कुमार जेडीयू,कौशलेंद्र कुमार का मजबूत पक्ष

नालंदा लोकसभा सीट के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने विश्वासपात्र कौशलेंद्र कुमार पर ही दांव लगाया है । कौशलेंद्र कुमार को तीसरी बार नालंदा लोकसभा सीट से जेडीयू का उम्मीदवार बनाया गया है । हालांकि पहले ये माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार अपने संसदीय सीट पर किसी महिला उम्मीदवार को मैदान में उतार सकते हैं । लेकिन उन्होंने सारे कयासों पर विराम लगा दिया है। लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि आखिर क्षेत्र में विरोध के बावजूद नीतीश कुमार ने कौशलेंद्र कुमार पर ही क्यों दांव लगाया ?

कौशलेंद्र कुमार के पक्ष में बातें
1. नीतीश कुमार का विश्वासपात्र होना
कौशलेंद्र कुमार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विश्वासपात्र माना जाता है । पिछले 10 साल के कार्यकाल में उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उनपर विश्वास कम हो सके। इसी वजह से लाख विरोध के बावजूद उन्होंने कौशलेंद्र कुमार को तीसरी बार मौका दिया है ।

2. नीतीश कुमार के लिए किसी भी कुर्बानी को तैयार
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी नालंदा सीट पर एक ऐसे उम्मीदवार को उतारना चाहते हैं जो हमेशा कुर्बानी के लिए तैयार रहे। यानि अगर कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनाव लड़ने या किसी को लड़वाने की जरूरत हो तो वो विरोध न कर सके और कभी भी उनके लिए सीट छोड़ने के लिए तैयार रहे। नीतीश कुमार ऐसा मानते हैं कि इस ढांचे में सबसे फिट कौशलेंद्र कुमार ही आते हैं।

3. विवादों से परे होना
कौशलेंद्र कुमार अपने क्षेत्र में हमेशा विवादों से परे रहे हैं। वो कभी भी ऐसे कार्यक्रम में नहीं शामिल हुए जिससे विवाद पैदा हो। कभी भी उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिससे पार्टी या नीतीश कुमार को परेशानी का सामना करना पड़ा हो। साथ ही वो लाइम लाइट से दूर रहना भी पसंद करते हैं ।

4.नया उम्मीदवार देकर विवाद पैदा न करना
नीतीश कुमार के करीबी का कहना है कि पार्टी नए नाम पर विचार कर रही थी। लेकिन पार्टी को डर था कि अगर किसी नए चेहरे को मैदान में उतारा जाता है तो पार्टी में टिकट के कई और दावेदार पैदा हो जाएंगे जिससे संगठन में ही फूट हो सकती है । इस डर से भी नीतीश कुमार ने कौशलेंद्र कुमार को ही तीसरी बार आजमाया है ।

5. लोगों के लिए सुलभ होना
कौशलेंद्र कुमार को जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है । वे लोगों के लिए काफी सुलभ भी माने जाते हैं। किसी की शादी विवाह हो या कोई और प्रयोजन क्यों न हो। वे सभी के निमंत्रण पाकर किसी के घर जाने में नहीं चुकते हैं ।

6. आरसीपी और श्रवण कैंप में सामंजस्य
कौशलेंद्र कुमार को श्रवण कुमार कैंप का माना जाता है । लेकिन कभी भी उन्होंने इसे सार्वजनिक नहीं होने दिया है । होली के दिन वो पार्टी महासचिव आरसीपी सिंह के गांव जाकर उन्हें होली की बधाई दी थी । यानि वो दोनों गुटों में सामंजस्य बनाकर चलने की कोशिश करते हैं ।

7. पिछले चुनाव में जीत का इनाम
पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीयू अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ी थी। पार्टी सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन सिर्फ दो सीट ही जेडीयू जीत पाई थी। जिसमें एक सीट पूर्णिया की थी और दूसरी सीट नालंदा की। ऐसे माना जा रहा है कि मोदी लहर में किला बचाने का ईनाम भी इन्हें दिया गया है ।

8. इस्लामपुर विधानसभा का होना
अब तक ये होता आया है कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार इस्लामपुर विधानसभा का ही हुआ है । चाहे वो रामस्वरुप बाबू ही क्यों न हों। कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव में जेडीयू को सबसे ज्यादा लीड भी इस्लामपुर विधानसभा में ही मिलता है ऐसे में दुसरे उम्मीदवारों की दावेदार इस वजह से भी कमजोर पड़ गई

Load More Related Articles
Load More By Nalanda Live
Load More In खास खबरें

Leave a Reply

Check Also

योगी राज में मारा गया एक और माफिया.. कई जिलों में धारा 144 लगाई गई

कहा जाता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया के लिए काल हैं.. उनके राज में कोई…