
रक्षाबंधन भाई-बहनों का त्योहार है। रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई के कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं। बदले में भाई आजीवन अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक महाभारत युद्ध के दौरान द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की रक्षा के लिए अपने आंचल का टुकड़ा बाँधी थी और कृष्ण ने भी आजीवन द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था. इसी दिन से बहनों ने अपने भाई की रक्षा रूपी कवच यानि कलाई पर धागा बांधने की परंपरा शुरू की.
इस बार रक्षाबंधन का मुहूर्त क्या है ?
इस बार रक्षाबंधन के दिन यानि 26 अगस्त को भद्रा नहीं है, इसलिए पूरे दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा. वहीँ राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 7.43 से दोपहर 12.28 बजे और दोपहर के 2 बजे से 4 बजे तक रहेगा. पर सूर्योदय में तिथि बीतने के कारण रात में भी राखी बांधी जा सकती है.
रक्षा बंधन का पहला मंत्र
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।
राखी बांधने का शुक्लयजुर्वेदीय मंत्र
ॐ त्र्यायुषम् जमदग्ने: कश्यपस्य त्र्यायुषम्। यद्देवेषु त्र्यायुषम् तन्नो अस्तु त्र्यायुषम्।।
कैसे बांधे भाई को राखी
1. एक थाल में रोली, चंदन, अक्षत, दही, राखी, घी का दीपक और मिठाई रखें.
2. सबसे पहले राखी भगवान को चढ़ाएं उसके बाद भाई को बांधे.
3. भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं और फिर तिलक लगा कर राखी बांध मिठाई खिलाएं.
4. राखी बांधने के समय भाई तथा बहन का सर खुला नहीं होना चाहिए.
5. राखी बंधवाने के बाद माता-पिता और सभी बड़ेजनों का आशीर्वाद लें.