अंधेरे में स्मार्टसिटी बिहारशरीफ, 40 फीसदी लाइटें खराब, ठेकेदार गायब

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दुधिया रोशनी में नहाने की स्मार्टसिटी बिहारशरीफ की दावों की हवा निकल गई. शहर की लाइटिंग व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। गलियां तो गलियां मेन रोड पर भी कई जगहों पर लाइटें नहीं जल रही है । हालत ये है कि शहर में जितनी लाइटें लगी है उसमें से 40 फीसदी खराब हो गई है।

5 साल का था करार
बिहारशरीफ में लाइट लगाने का काम EESL को सौंपा गया था. कंपनी का दावा है कि सात हजार LED लाइटें लगायी गयी है। हकीकत है कि करीब 40 प्रतिशत लाइटें खराब है। ये स्थिति तब है जब कंपनी और विभाग के बीच पांच साल तक मेंटेंनेस करने का करार था। शायद ही कोई ऐसा वार्ड होगा जहां डेढ़-दो दर्जन एलइडी लाइटें खराब न हो।

निगम की भी नहीं सुन रहा है ठेकेदार
शहर में लगायी गयी लाइटें लगातार खराब हो रही है। एक माह से मेटेनेंस का काम ठप है। जिसका मुख्य कारण एलईडी लाइट का अभाव है। ईईएसएल से एग्रीमेंट के कारण निगम अपने स्तर से व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। बिहारशरीफ के उप नगर आयुक्त बसंत कुमार का कहना है कि कंपनी से बात हुई है। लेकिन इसके बाद भी यदि सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जायेगा।

पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर चल रहा है काम
शहर के नगर आयुक्त सौरव जोरवाल का कहना है कि शहर में लाइट लगाने का काम पेटी कांट्रैक्ट पर चल रहा है। विभाग ने ईईएसएल के साथ एग्रीमेंट किया था लेकिन ईईएसएल ने अंबुजा कंपनी को इसका कांट्रेक्ट दे दिया। अंबुजा कंपनी ने भी खुद काम नहीं कराकर स्थानीय कांट्रैक्टर को लाइट लगाने की जिम्मेवारी सौंप दी।

बदले जाएंगे कॉन्ट्रैक्टर
नगर आयुक्त ने बताया कि लाइट व्यवस्था की समस्या को लेकर ईईएसएल के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। समस्याओं की जानकारी देते हुए कार्य प्रणाली में सुधार के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने कांट्रैक्टर बदलने की बात कही है। शहर की प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया जायेगा।

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