नालंदा के एक जज ने एक ऐसी अनोखी सजा सुनाई है जिसकी हर जगह चर्चा हो रही है. उनका ये फैसला बाकी जजों के लिए नजीर बन गया है.
क्या है मामला
नालंदा जिला के दीपनगर के रहने वाले दो नाबालिगों पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन दोनों पर 24 जून 2015 को महिला के साथ मारपीट और पैसे छीनने का आरोप था. करीब साढ़े तीन साल बाद कोर्ट ने दोनों को दोषी ठहराया है.
जज साहब ने सुनाया अनोखा फैसला
नालंदा के किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने दोनों किशोरों को अनोखी सजा सुनाई. उन्होंने दोनों को जल ही जीवन है के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का टास्क सौंपा है। दोनों किशोर नालंदा के दीपनगर इलाके में डीएम योगेंद्र सिंह के अधीन रहकर दो महीने तक लोगों को पानी का महत्व समझाएंगे। दोनों को घर घर जाकर ये समझाना होगा कि अगर पानी की बर्बादी को नहीं रोका गया तो नई पीढ़ी प्यासी रहेगी। दोनों लोगों को वर्षा के जल को संरक्षित करने के बारे में भी लोगों को बताएंगे
आरओ से होती है पानी की बर्बादी
मानवेंद्र मिश्रा ने कहा कि जब वाटर प्यूरिफायर का इस्तेमाल किया जाता है, तब पानी की अत्यधिक बर्बादी हो जाती है। आरओ से एक लीटर शुद्ध पानी के लिए 3 लीटर पानी बर्बाद करता है। आरओ से निकले अशुद्ध जल को संरक्षित कर उसे सिंचाई के रूप में या कपड़े , बर्तन साफ करने के प्रयोग में लाने के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। स्नान करने समय, ब्रश या शेविंग करते समय भी पानी की बर्बादी लोग करते है, उसे भी रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।