नालंदा जिला में एक थानेदार की मुश्किलें बढ़ सकती है. क्योंकि एक महिला ने थानेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इसके लिए महिला को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा है. कोर्ट के आदेश पर थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज
नालंदा जिला न्यायालय के सीजेएम कोर्ट में राजगीर थाना के थानेदार संतोष कुमार और एसआई जितेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. ये मुकदमा राजगीर कुंड की रहने वाली आशा देवी की याचिका पर दाखिल किया गया है. प्राथमिकी के मुताबिक 48 साल की महिला राजगीर कुंड इलाके में होटल चलाती हैं.
किन-किन धाराओं में मुकदमा दर्ज
आशा देवी ने राजगीर थाना प्रभारी संतोष कुमार और एसआई जितेन्द्र कुमार को आरोपी बनाते हुए मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें टिंकू कुमार समेत तीन लोगों को गवाह बनाया गया है. आरोपियों पर आईपीसी की धारा 307, 354, 504, 323 व 341 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
महिला ने क्या आरोप लगाया है
महिला ने आरोप लगाया है कि 8 जनवरी को टिंकू अपने होटल से कुछ दूर स्थित धनिवा पहाड़ी कुटिया से शाम 7.30 बजे प्रसाद खाकर वापस अपने होटल लौट रहा था । आरोप है कि इसी दौरान थानेदार संतोष कुमार और एसआई जितेंद्र कुमार ने पहले टिंकू को रोका. फिर जाति पूछा. महिला का आरोप है कि जाति का नाम सुनते ही बेतहाशा दोनों ने उसके बेटे को डंडा से पीटा. पीड़िता के अनुसार जब वो बीच बचाव करने पहुंची तो उसके साथ भी लप्पड़-थप्पड़ करते हुए बदसलूकी की गयी।
थाने में भी बदसलूकी का आरोप
इतना ही नहीं महिला ने आगे आरोप लगाया है कि पिटाई के बाद दोनों टिंकू को थाने ले गये और एक कागज पर दस्तखत कराते हुए किसी भी अपराध में फंसा देने की धमकी दी गयी। पिटाई से टिंकू के बायां पैर का जांघ और हाथ की कलाई और शरीर के अन्य भागों पर गंभीर चोट रहने के कारण अनुमंडलीय अस्पताल द्वारा विम्स रेफर कर दिया गया। करीब 10 दिनों के उपचार के बाद उसे डिस्चार्ज किया गया है। महिला का कहना है कि उसने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को भी दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।