
नालंदा जिला के रहुई थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर मोड़ के पास तेज रफ्तार बोलेरो का कहर देखने को मिला. तेज रफ्तार बोलेरो ने एक बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। जिसमें बाइक सवार एक युवक की मौत हो गयी। जबकि दूसरा घायल है.
मृतक की पहचान हुई
मृतक की पहचान 45 साल के मनोज कुमार के रुप में हुई है. जो रहुई के रहने वाले सुरेश प्रसाद के मंझले बेटे थे। चार भाइयों में सबसे छोटा विक्रम कुमार उर्फ टंटू भी हादसे में जख्मी हो गया है। दोनों को गश्ती दल ने रहुई अस्पताल पहुंचाया था। वहां से मनोज को बेहतर इलाज के लिए बिहारशरीफ रेफर किया गया था। बिहारशरीफ जाने के दौरान ही मनोज ने दम तोड़ दिया।
हादसे के बाद हंगामा
मनोज रहुई बाजार के जाने-माने व्यवसायी है। उनकी मौत की खबर तेजी से फैली। देखते ही देखते लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी। लोगों ने उनका शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। सड़क पर बांस-बल्ली लगा दिया। गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह से रूक गयी। ग्रामीणों का आरोप था कि रहुई अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही के कारण उनकी मौत हो गयी। समय पर इलाज होता तो उनकी जान बच सकती थी। ग्रामीण अस्पताल कर्मियों को बर्खास्त करने व मुआवजे की मांग कर रहे थे।
मुआवजे की मांग कर रहे थे लोग
परिजन नारेबाजी करते हुए पोस्टमार्टम के पहले मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। जाम की सूचना पाकर बीडीओ विवेक कुमार, सीओ मनोज कुमार दुबे व रहुई थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास करने लगी। उन्होंने पोस्टमार्टम के बाद मुआवजा देने का आश्वासन दिया, पर लोग तैयार नहीं हुए। आखिरकार मुखिया प्रतिनिधि संटू यादव ने मुआवजा दिलाने की गारंटी लेकर लोगों को मनाया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
काफी मेहनत के बाद पायी थी सफलता
मनोज रिटायर्ड शिक्षक सुरेश प्रसाद के चार पुत्रों में दूसरे नंबर पर थे। सबसे बड़े भाई प्रमोद हरनौत बाजार में दुकान चलाते हैं। तीसरे नंबर का संटू और सबसे छोटा टंटू भी मनोज के व्यवसाय में हाथ बटा रहा है। काफी कम उम्र में ही मनोज ने तोसक-तकिया भरने और रुई का व्यवसाय शुरू किया था। फिर सुरभि टेन्ट हाउस के नाम से बिजनेस शुरू किया। उसके बाद एक फर्नीचर की दुकान भी खोली। उनकी मौत से परिवार में कोहराम मचा है। उनकी चार पुत्री और एक पुत्र है। बड़ी पुत्री की शादी के लिए वर की तलाश में जुटे थे। पत्नी बार-बार बेहोश हो रही थी। चीख-पुकार मची थी।