रात के अंधेरे में डीएम-एसपी ने की छापेमारी.. कोना कोना छान मारा

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लोकसभा चुनाव की व्यस्ताओं के बावजूद नालंदा के डीएम प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे रहते हैं. वे रात दिन जिले की बेहतरी में जुटे हैं. गड़बड़ियों को पकड़ने के लिए दिन रात में कभी भी औचक निरीक्षण कर रहे हैं

रात को 8 बजे की छापेमारी
रात के 8 बजे रहे थे.अमूमन इस वक्त ज्यादातर अधिकारी आराम के मूड में रहते हैं. लेकिन नालंदा के डीएम और एसपी काम करते रहते हैं. डीएम योगेंद्र सिंह ,एसपी निलेश कुमार और किशोर न्यायालय के जज मानवेंद्र मिश्र छापेमारी के लिए एक साथ रवाना हुए. तीनों एक साथ दीपनगर स्थित बाल सुधार गृह जा धमके.

डेढ़ घंटे तक कोना-कोना छान मार
नालंदा के डीएम योगेंद्र सिंह, एसपी निलेश कुमार औज जज मानवेंद्र मिश्र ने एक साथ तीन घंटे तक बाल सुधार गृह का चप्पा चप्पा छान मारा. इस दौरान डीएम योगेन्द्र सिंह खुद अपने हाथ में टॉर्च ले रखा था। उसकी रोशनी में एसपी नीलेश कुमार एक-एक सामान उलट-पलट कर देख रहे थे। गवाह कोई और नहीं बल्कि किशोर न्यायालय के जज मानवेन्द्र मिश्र थे। तीनों की मौजूदगी में सुधार गृह के कई सच खुले में आ गए।

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छापेमारी में क्या क्या मिला
औचक निरीक्षण के दौरान भगवान की प्रतिमा के पीछे एक मोबाइल और चार्जर छुपाकर रखा मिला। इसके अलावा गांजा पीने वाला चिलम, खैनी और माचिस भी मिली। जिससे ये साफ हो गया कि कुछ बंदी बाहरी दुनिया के सम्पर्क में हैं और नशा भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं बाल सुधार गृह के रसोइया, उसके हेल्पर और सुरक्षा को तैनात होमगार्ड के जवान जेब में मोबाइल रखे मिले। वहीं शौचालय की खिड़की की जाली आधी कटी दिखी। कई अन्य खिड़कियों में भी जाली नहीं मिली।

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कईयों पर गिरी गाज
बाल सुधार गृह की सरकारी आदेशों की अवहेलना देखकर डीएम योगेंद्र सिंह नाराज हो गए. उन्होंने इस अनदेखी पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए. रसोइया, हेल्पर और होमगार्ड के जवानों को हटाने का आदेश दे दिया। साथ ही अधीक्षक से खिड़कियों में जाली नहीं लगाने के बारे में शोकॉज किया है। वहीं जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को तलब किया है. माना जा रहा है कि अधीक्षक की छुट्टी भी तय है. क्योंकि उन्होंने डीएम के आदेश का उल्लंघन किया है

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14 मार्च को भी किया था निरीक्षण
किशोर बंदियों को सुधरने का अवसर देने के लिए बने पर्यवेक्षण गृह में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। यहां के अधीक्षक और दूसरे कर्मचारियों को डीएम के निर्देश की परवाह तक नहीं है। करीब डेढ़ महीने पहले 14 मार्च को भी डीएम ने यहां का निरीक्षण किया था। इस दौरान निर्देश दिया था कि गृह में काम के दौरान कोई भी कर्मी अपने पास मोबाइल नहीं रखेगा। अपने-अपने मोबाइल अधीक्षक कार्यालय में जमा करना होगा। ड्यूटी खत्म होने के बाद मोबाइल लेकर बाहर निकल जाना है। लेकिन औचक निरीक्षण में नजारा इसके ठीक उलट दिखा। बाल गृह में तैनात रसोइया व उसके हेल्पर से लेकर होमगार्ड के जवान तक जेब में मोबाइल रखे मिले। डीएम ने इन सभी के मोबाइल जब्त करा लिए और हटाने के आदेश दे दिए हैं

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