नालंदा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में घोटालेबाज को कौन बचा रहा है ? आखिर क्यों अमरेंद्र कुमार मुन्ना घोटालेबाज पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं? कब होगी जनता की गाढ़ी कमाई लुटने वाले लूटरों पर कार्रवाई ? जी हां, नालंदा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में 10 लाख रुपए के गबन हुए 11महीने से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उम्मीद जताई जा रही है कि बिहारशरीफ के निदेशक मंडल की बैठक में इसपर कोई फैसला होगा। बैंक के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार मुन्ना की अध्यक्षता में बैठक में 11 बिंदुओं पर निर्णय हुआ। लेकिन घोटाले पर कोई चर्चा नहीं हुई। पहले माना जा रहा था कि बैठक में अमरेंद्र कुमार मुन्ना इस मामले में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। लेकिन बैठक में कानूनी कार्रवाई का निर्णय नहीं लिया जा सका। अंदरखाने की मानें तो घोटाले के 11 माह बीत जाने के बाद भी कानूनी कार्रवाई नहीं होना, मामले को दबाने की साजिश है।
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चार महीने पहले अमरेंद्र कुमार जब अध्यक्ष बने थे तो लगा था कि नालंदा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में अब सबकुछ बदल जाएगा। लोगों को उम्मीद बढ़ना भी जायज था क्योंकि उन्होंने 15 साल से यहां काबिज अस्थावां के विधायक को हरा कर ये कुर्सी पाई थी। लेकिन अब लगने लगा है कि अमरेंद्र कुमार मुन्ना ने भी धनबल के सामने सरेंडर कर दिया है। मीडिया द्वारा पूछे जाने पर वो कार्रवाई की बात तो करते हैं लेकिन जब कार्रवाई करने के लिए बैठक होती है तो उसमें कोई फैसला नहीं लिया जाता है। ऐसे में जनता का विश्वास भी अमरेंद्र कुमार मुन्ना से उठने लगा है। अब बिहारशरीफ और नालंदा जिले में लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि मुन्ना भी उसी गैंग के हिस्सा हैं जिस गैंग ने गबन किया है। ऐसे में नालंदा लाइव अमरेंद्र कुमार मुन्ना से कार्रवाई करने की मांग करता है ताकि सच सामने आए। नहीं तो गबन का कीचड़ आपको भी दागदार कर जाएगा।
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