नालंदा जिला में शिक्षा विभाग में बड़ा खेल का खुलासा

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नालंदा जिला में शिक्षा विभाग में बड़ा खेल का खुलासा हुआ है। पैसे लेकर बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों का तबादला कर दिया गया। नालंदा के नए जिला शिक्षा पदाधिकारी के मुताबिक इसकी जानकारी न तो डीईओ को लगी और न ही बीईओ को पता चला। इतना ही नहीं कई टीचर तो स्कूल जाने के बजाय अधिकारियों के घर पर सेवा टहल में लगे हैं ।

पूरा मामला समझिए

27 मार्च को नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉक्टर विमल ठाकुर की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें ब्रेन हैमरेज की शिकायत के बाद बिहारशरीफ से पटना ले जाया गया। फिर दिल्ली शिफ्ट किया गया। उनकी हालत स्थिर बनी हुई है और अभी भी वो छुट्टी पर हैं। इसके बाद जिला प्रशासन ने जय बनर्जी को प्रभारी डीईओ बनाया गया उसके बाद डीपीओ अरिंजय कुमार को जिला शिक्षा विभाग का प्रभार सौंपा गया। लेकिन इस बीच डेढ़ महीने में ही शिक्षा विभाग में बड़ा खेल हो गया। 27 मार्च से 14 मई के बीच रोक के बावजूद दो सौ से अधिक शिक्षकों का तबादला कर दिया गया। चौकाने वाली बात ये है कि इन प्रतिनियुक्त शिक्षकों की सूची न तो डीईओ के पास है और न ही बीईओ के पास।

नियमों को ताक पर रखकर किया गया तबादला
नालंदा के नए जिला शिक्षा पदाधिकारी रामसागर सिंह का कहना है कि प्रधान सचिव के स्पष्ट आदेश के बावजूद विभाग के अधिकारियों ने नियम को ताक पर रख कर प्रतिनियोजन कर दिया गया। उनका कहना है कि प्रभारी पदाधिकारियों की तैनाती के बाद नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों के प्रतिनियोजन का खेल खेला गया। यानि जिसने जहां चाहा वहां अपना ट्रांसफर करवा लिया। जबकि ये ट्रांसफर न तो डीएम और न ही प्रधान सचिव स्तर से किया गया। हालात ये हो गए कि कई ऐसे स्कूल हैं जहां सिर्फ एक ही टीचर बचे हैं।

टीचरों को 3 दिन का अल्टीमेटम
नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी राम सागर सिंह ने इन टीचरों को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने वैसे टीचरों को 3 दिन के भीतर अपने पुराने स्कूल लौटने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे टीचर अगर तीन दिन के भीतर पुराने स्कूल नहीं लौटे तो उनका वेतन काटा जाएगा। साथ ही सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इस आदेश का अनुपालन तीन दिनों के अंदर करना सुनिश्चित करेंगे।

लेकिन नालंदा लाइव के सवाल जिला शिक्षा विभाग से भी है।
सवाल नंबर 1- दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी ? क्योंकि जितने दोषी टीचर हैं उससे ज्यादा ट्रांसफर करने वाले अधिकारी
सवाल नंबर 2- जिला शिक्षा विभाग और बीईओ को इसकी भनक क्यों नहीं लगी ?
सवाल नंबर 3- क्या बीईओ अपने स्कूल का दौरा तक नहीं करते हैं ?
सवाल नंबर 4 क्या विभाग का संचार तंत्र एकदम खत्म हो गया है ?
सवाल नंबर 5- क्या अपनी नाकामी छिपा रहा है जिला शिक्षा विभाग

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