
बिहार बोर्ड ने एसटीईटी 2019 (STET 2019) की परीक्षा को रद्द कर दिया है। ये फैसला जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद लिया गया है। कमेटी ने बिहार बोर्ड से एसटीईटी परीक्षा को निरस्त करने की अनुशंसा की थी। जिसके बाद बिहार बोर्ड ने एसटीईटी 2019 को रद्द कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
28 जनवरी 2020 को राज्य भर में 317 केंद्रों पर एसटीईटी 2019 की परीक्षा ली गयी थी। ये परीक्षा दो पालियों में हुई थी. परीक्षा में दो लाख 47 हजार 241 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। जिसमें प्रथम पाली में एक लाख 81 हजार 738 और दूसरी पाली में 65 हजार 503 परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
परीक्षा के बाद जांच कमेटी का गठन
28 जनवरी को परीक्षा होने के बाद प्रश्न पत्र के साथ कई पहलूओं पर जांच के लिए बोर्ड ने चार सदस्यीय कमिटी गठित की थी। चार सदस्यीय कमिटी का गठन मुख्य निगरानी पदाधिकारी बिहार बोर्ड के नीलकमल की अध्यक्षता में किया गया था।कमेटी के अन्य सदस्य प्रशासनिक पदाधिकारी संजय प्रियदर्शी, संयुक्त सचिव निकुंज प्रकाश नारायण और निगरानी पदाधिकारी राजीव कुमार शामिल थे।
मोबाइल से लीक हुआ प्रश्न पत्र
जांच कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि एसटीईटी परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर प्रश्न पत्र को लेकर सवाल उठे है। इसके आलोक में बोर्ड ने माना है कि परीक्षा दौरान मोबाइल के माध्यम से प्रश्न पत्र जहां तहां भेजा गया। सामाजिक विज्ञान के विषय के प्रश्न पत्र में अलग-अगल ग्रुप में नहीं दिया गया। सभी प्रश्न को एक ही ग्रुप में डाल दिया गया। परीक्षा केंद्रों पर तोड़ फोड़, हंगामा, प्रश्न पत्र फाड़ना तथा मारपीट जैसी घटनाएं हुई। इस दौरान प्रश्न पत्र को लीक करने की कोशिश भी की गयी। इन सभी को देखते हुए राज्य भर की परीक्षा रद्द की जाती हैं।
प्रश्न पत्र सेटर के खिलाफ कार्रवाई हो
साथ ही सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र सेटर (Question Setter) के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा शिक्षा विभाग को अनुशंसा भेजी गई है।