अमृतसर में 60 लोगों की हत्यारी ट्रेन के ड्राइवर ने बड़ा बयान दिया है। ड्राइवर ने बताया कि उसने ट्रेन क्यों नहीं रोकी ? और हादसे के बाद ड्राइवर ने कहां जाकर ट्रेन को खड़ा कर दिया ? अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास लोगों को रौंदने के बाद डीएमयू ट्रेन को ड्राइवर ने अटारी रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ा कर दिया। उसे डर था हादसे से गुस्साई जनता ट्रेन को आग न लगा दे। दूसरी ओर, ड्राइवर अरविंद कुमार ने हादसे को लेकर अहम राज खोले हैं।
खूनी ट्रेन के ड्राइवर ने क्या कहा
खूनी ट्रेन के ड्राइवर अरविंद कुमार ने पुलिस पूछताछ में बताया कि भीड़ को सामने देख कर उसने लगातार हॉर्न बजाया और इमरजेंसी ब्रेक भी लगाया। इसके बावजूद कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन रुकनेवाली ही थी, कि ट्रैक के किनारे खड़े लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उसने ट्रेन की स्पीड तेज कर दी।
पुलिस ने अरविंद कुमार से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। उसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया था। अरविंद ने पुलिस को दिए बयान में घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है। उसने बताया है कि उसकी ट्रेन जब जोड़ा रेल फाटक के पास पहुंची तो उसने वहां भीड़ देखी। इसके बाद उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और लगातार हॉर्न भी बजाया। इसके बावजूद कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। ट्रेन चालक अरविंद ने बयान में कहा है कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन की रफ्तार बेहद धीमी हो गई थी और वो रुकने वाली ही थी कि इसी बीच वहां मौजूद कुछ लोगों ने ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद रेल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उसने ट्रेन की रफ्तार तेज कर दी।
उधर, जोड़ फाटक पर लोगों को कुचलने वाली यह डीएमयू ट्रेन (11091) अटारी रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी है। इस ट्रेन के चार डिब्बों पर खून के गहरे निशान हैं। ट्रेन को शुक्रवार को हादसे रात ही चालक ने अटारी स्टेशन पर यार्ड में खड़ा कर दिया। इस डीएमयू ट्रेन को उन पटरियों पर खड़ा किया गया है, जिन पर कभी भारत विभाजन से पहले ट्रेनें चलती थीं। इन पटरियों पर समझौता एक्सप्रेस रेलगाड़ी व रेल कारगो का आदान प्रदान होता था। इस लाइन को खस्ता हालत होने के कारण बंद कर दिया गया था।