खुशखबरी: रोजगार के लिए 10 लाख रुपये देगी नीतीश सरकार, जानिए क्या हैं शर्तें

0

बिहार में लोगों को रोजगार देने के लिए नीतीश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके तहत उद्योग विभाग अब मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना शुरू कर रहा है। जिसमें कुशल श्रमिक समूहों को भवन और कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार 10 लाख तक की राशि उपलब्ध कराएगी। हर समूह में कम से कम 10 कुशल श्रमिक शामिल होंगे। ये योजना स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सिद्धांत पर काम करेगा।

एक साल का प्रशिक्षण जरूरी
मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना के एक समूह में कम से कम 10 कुशल श्रमिक होंगे, जो एक तरह के उत्पादन और सर्विस सेक्टर का काम करेंगे। योजना का लाभ वैसे कुशल श्रमिकों को मिलेगा जिनके पास कार्य विशेष में प्रशिक्षण और कम से कम एक साल का अनुभव हो। आने वाले दिनों में इस तरह के समूह को मदद के लिए एक सरकारी उपक्रम (पीएसयू) से जोड़ने की कोशिश की जाएगी।

हर जिले में 2 सीएफसी का होगा गठन
सभी जिलों में ऐसे दो-दो सामान्य सुविधा केंद्र (CFC) स्थापित किए जाएंगे। योजना की स्वीकृति, संचालन और पर्यवेक्षण जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। इसके लिए 4 करोड़ रुपए की राशि का बजटीय प्रावधान किया गया है। लोन बैंकों से प्रधानमंत्री एमएसएमई योजना के तहत दिए जाएंगे। इसकी गारंटी भारत सरकार की होगी। लोन किश्तों में चुकाएंगे।

डीएम की अध्यक्षता में बनेगी समिति
योजना की स्वीकृति, संचालन, पर्यवेक्षण और अनुश्रवण के लिए प्रत्येक जिला में डीएम की अध्यक्षता में में जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। जीएम डीआईसी इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति समूह के लोगों की योग्यता और दक्षता के अनुरूप उद्योग और सर्विस सेक्टर का चयन कर, एक विस्तृत डीपीआर बनवाएंगे। समिति डीपीआर को पारित करेगी और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक योजना को कार्यान्वित करेंगे।

प्रवासियों की हो रही है स्किल मैपिंग
राज्य सरकार कोरोना महामारी के कारण दूसरे राज्यों से आए बिहार के लोगों की स्किल मैपिंग करवा रही है। नोडल विभाग के रूप में इसकी जिम्मेदारी उद्योग विभाग को दी गई है। उद्योग विभाग ने अभी तक 77 हजार से अधिक लोगों की स्किल मैपिंग कराई है। विभाग उनके स्किल के अनुसार उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाने में मदद कर रहा है।

ग्राम परिवहन योजना में प्रवासी भी शामिल
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी डीटीओ और एसडीओ को निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की पात्रता रखने वाले प्रवासियों का भी चयन किया जाए। जो प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में ऑटो या अन्य वाहन चला कर अपना जीवन यापन कर रहे थे, उन्हें इस योजना के तहत रोजगार मिलेगा। ये वाहन मालिक बन सकेंगे।

Load More Related Articles
Load More By Nalanda Live
Load More In बढ़ता बिहार

Leave a Reply

Check Also

ट्रक-ऑटो में टक्कर, 6 लोगों की मौत.. 7 की हालत गंभीर

एक बार फिर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला है.. जब तेज रफ्तार ट्रक और ऑटो के बीच आमने-सामन…