26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर निकलने वाली झांकी में इस बार बिहार की झलक नहीं दिखेगी. क्योंकि केंद्र सरकार ने बिहार की झांकी को शामिल करने से इनकार कर दिया है ।
बिहार की झांकी क्यों रोकी
केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार की झांकी को इसलिए जगह नहीं दी. क्योंकि इस बार का थीम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन- हरियाली पर आधारित थी. केंद्र सरकार का तर्क है कि जल-जीवन-हरियाली बिहार नहीं बल्कि जल शक्ति मंत्रालय की है । इसलिए बिहार को इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है.
बिहार सरकार ने क्या कहा
केंद्र की आपत्ति के बाद बिहार सरकार ने कहा था कि जल-जीवन-हरियाली पर बिहार ने सबसे पहले कदम बढ़ाया है. यह राज्य सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट है. अब राज्य सरकार की ओर से पटना के गांधी मैदान में निकाली जाने वाली झांकी में जल-जीवन-हरियाली को शामिल किया जायेगा.
क्या है जल जीवन हरियाली कार्यक्रम
आपको बता दें कि बिहार सरकार प्रदेश को पर्यावरण समस्या से निजात दिलाने के लिए जल-जीवन-हरियाली मिशन चला रही है. इसके तहत तीन वर्षों में साढ़े 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे प्रदेश में घूम घूमकर योजना की शुरुआत कर रहे हैं
Defence Ministry's list of shortlisted participants(tableaux) for Republic Day Parade 2020. pic.twitter.com/adKiUabpxQ
— ANI (@ANI) January 3, 2020
और कहां कहां की झांकी रोकी
केंद्र सरकार ने बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल और झारखंड की झांकी को गणतंत्र दिवस में शामिल करने से इनकार कर दिया है । यानि गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल,केरल और महाराष्ट्र की झांकी नहीं दिखेगी
कौन तय करता है झांकी
गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं। झांकियों का चयन एक विशेष समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला और नृत्यकला से संबंधित लोग शामिल होते हैं। यह समिति प्रस्तावों पर विचार कर अपनी सिफारिशों को रक्षा मंत्रालय को सौंपती है।