कहा जाता है कि जीवन में भगवान से भी ऊपर गुरु का स्थान होता है. तभी तो कहा जाता है
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वरः, गुरुर साक्षात परमब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नमः। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी 60 साल बाद जब अपने गुरु से मिले तो वे भावुक हो गए.
60 साल बाद अपने गुरु से मिले पासवान
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान 60 साल बाद अपने सबसे पहले गुरु कन्हैया लाल जी से मिलने पहुंचे। पटना सिटी में उन्होंने गुरु से मुलाकात की. तो वे भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि जिन्होंने मुझे हाथ पकड़कर खल्ली से लिखना सिखाया । उनसे मिलकर आज कितनी खुशी हुई है ये बता नहीं सकता हूं.
श्री कन्हैया लाल जी मेरे बचपन के सबसे पहले गुरू हैं जिन्होंने हाथ पकड़कर मुझे बोर्ड पर चॉक से लिखना सिखाया। मेरे फुफेरे भाई ने मुझे उनका मोबाइल न० दिया और 60 साल बाद अपने गुरू से बात करके मुझे कितनी खुशी हुई है, बता नहीं सकता हूं। वे बिहार के समस्तीपुर जिले के नरहर के निवासी हैं। pic.twitter.com/0gTQe7xRNZ
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) August 11, 2019
नरहर के रहने वाले हैं कन्हैया लाल जी
रामविलास पासवान के गुरु कन्हैया लाल जी समस्तीपुर के नरहर के रहने वाले हैं. कन्हैया लाल गुप्ता ने ही रामविलास पासवान को ककहरा पढ़ाया और लिखना सिखाया. रामविलास पासवान ने अपने ट्वीट में लिखा है कि श्री कन्हैया लाल जी मेरे बचपन के सबसे पहले गुरू हैं जिन्होंने हाथ पकड़कर मुझे बोर्ड पर चॉक से लिखना सिखाया। मेरे फुफेरे भाई ने मुझे उनका मोबाइल न० दिया और 60 साल बाद अपने गुरू से बात करके मुझे कितनी खुशी हुई है, बता नहीं सकता हूं।