जब फरियादी बनकर थाने पहुंचे SP साहब.. तब क्या हुआ जानिए

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पुलिस का आम लोगों को प्रति कैसा नजरिया है? वो आम जनता के साथ कैसा व्यवहार करती है? क्या आम लोगों की शिकायतों पर पुलिस एक्शन करती है या नहीं ? ऐसे ही कुछ सवाल जिले के नए पुलिस कप्तान के मन में उमड़ रहे थे। ऐसे में एसपी साहब ने एक अनोखा तरीका अपनाया। वो खुद फरियादी बन गए और जिले के कोतवाली जा पहुंचे। पुलिस कप्तान नए नए जिले में आए थे इसलिए पुलिस वाले भी नहीं पहचानते थे। एसपी कोतवाली पहुंचकर शिकायत पुलिस को शिकायत लिखने को कहा। दरअसल, आईपीएस गौरव मंगला ने चार दिन पहले ही मुंगेर के पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी संभाली है। ऐसे में वो जिला पुलिस का लिटमस टेस्ट करना चाहते थे और वो एक फरियादी बनकर सादे ड्रेस में मुंगेर कोतवाली पहुंच गए। कोतवाली में उस वक्त मुंशी पप्पू कुमार मौजूद थे । एसपी साहब ने कहा

एसपी- सर, मैं यहां नया हूं और एक होटल में रूका हूं। होटल में मेरे साथ मारपीट हुई है । आप मेरे साथ जल्दी से होटल चलिए।

मुंशी- किस जगह तुमसे मारपीट हुई है और होटल का नाम क्या है?

एसपी- सर, ये जगह हमारे लिए नया है । मुझे जगह का नाम नहीं पता है आप मेरे साथ होटल चलिए

मुंशी- अरे भाई होटल का नाम तो पता होगा उसका नाम तो बताओ

एसपी- साहब, हमें नाम याद नहीं है । आप होटल चलिए हमारे साथ मारपीट हुई है। 

मुंशी- मेरे पास कोई गाड़ी नहीं है और गश्ती टीम अभी मौजूद है ।

एसपी- सर, प्लीज चलिए ना

इस पर वहां मौजूद  पुलिसवालों को गुस्सा आ गया।

पुलिसवाले- अरे भाई, साहब का बोल रहे हैं समझ में न आ रहा है का ? न जगह का पता है और न होटल का नाम। चुपचाप बैठे रहो।

मुंशी- सुनो, चुपचाप बैठ जाओ, जब गाड़ी आएगी तो गश्ती पार्टी को भेज देंगे । वो मामले की जांच कर लेगा ।

एसपी-सर प्लीज चलिए ना

कुछ देर मुंशी और पुलिसवाले अपने काम में मग्न रहे फिर

मुंशी- – ( कागज निकालकर SP को देते हुए)  सुनो इस अपनी शिकायत लिख दो, जब गाड़ी आएगी तो गश्ती पार्टी को भेज दूंगा

एसपी साहब वहीं खड़े रहे।

मुंशी- – सुनो, उस कुर्सी पर बैठ जाओ

एसपी साहब भी शांत होकर कुर्सी पर बैठे रहे। मुंशी जी भी बड़बड़ाते रहे। एसपी साहब सुनते रहे और फिर मुंशी ने जो कागज दिया था उस पर दो बिंदी बनाई और उठकर जाने लगे। किसी ने कुछ पूछा भी नहीं। लेकिन सीढ़ी पर से जैसे ही एसपी साहब उतरे और कहा

एसपी- मेरा नाम गौरव मंगला है और मैं आपका नया एसपी हूं..

इतना सुनते ही वहां मौजूद पुलिस वाले के होश उड़ गए। पुलिस वालों को कुछ नहीं सूझ रहा था । वे लोग अपने पुलिस कप्तान को सैल्यूट किया । इस दौरान एसपी साहब ने मुंशी पप्पू कुमार और दूसरे पुलिसवालों को जनता के साथ दोस्ताना संबंध बनाने की बात भी कही और आगे से अच्छे से काम करने की हिदायत भी दी।

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