हर कोई सोचता है कि इतनी संपत्ति अर्जित कर लें कि बुढ़ापा आराम से गुजर जाए. इस सोच के तहत हर कोई जिंदगी की आपाधापी में 99 के चक्कर में फंसा रहता है. पहले एक घर, फिर दो घर, बैंक बैलेंस, एफडी आदि आदि.. लेकिन अगर आपके पास करोड़ों की जायदाद हो और फिर भी खाने के लिए आप दाने-दाने के लिए मोहताज हों तो सोचिए उसपर क्या गुजरती होगी.
क्या है पूरा मामला
पटना के मैनपुरा की रहने वाली गीता देवी के पास 6 मकान हैं. करोड़ों की जायदाद है. लाखों में किराया आता है. गीता देवी के दो बेटे और एक बेटी भी है. लेकिन फिर भी 65 साल की गीता देवी दाने-दाने को मोहताज है. उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं.
महिला आयोग पहुंची महिला
दरअसल, मामला मीडिया में तब पहुंचा जब 65 साल की बुजुर्ग महिला इंसाफ के लिए महिला आयोग पहुंची. उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी है .बेटे और बेटी की शादी हो चुकी है.
पति की मौत के बाद बेटों ने छोड़ा
गीता देवी का कहना है कि पति की मौत के बाद बेटों ने उसे बेसहारा छोड़ दिया और संपत्ति पर कब्जा कर लिया. अब महिला अपना हक पाने के लिए महिला आयोग पहुंची है.उनका कहना है कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि पति ने इतनी संपत्ति बनाई लेकिन बच्चे ये दिन दिखाएंगे.
बच्चे नहीं देते हैं पैसे
गीता देवी के मुताबिक बड़े बेटे ने चार साल पहले रिश्ता तोड़ लिया. छोटा बेटा कुछ समय पहले तक आता था लेकिन अब वह भी नहीं आता. खर्च भी नहीं देते हैं. महिला अब चलने फिरने में भी असमर्थ है, ऐसे में उसने पहले टिफिन सेंटर से खाना मंगवाना शुरू किया. लेकिन उसका जब काफी बकाया हो गया तो वो एक किराएदार से पैसे लेने चली गई. इस बात का पता जब बेटों को लगा तो उन्होंने महिला की पिटाई की और जान से मारने की धमकी भी दी.
महिला आयोग का आसरा
पीड़ित महिला ने कहा कि हिम्मत कर के महिला आयोग आई हूं, बेटों को पता चला तो शायद फिर से मारपीट करेंगे.बस अब इस प्रॉपर्टी के तीन हिस्से करना चाहती हूं. वहीं महिला आयोग की सदस्य रजिया कामिल अंसारी ने महिला की शिकायत के बाद दोनों बेटों को आयोग में पेश होने का नोटिस भिजवाया है.