बिहार में 27 ऐसे शहर हैं जिसकी आबादी एक लाख से ज्यादा हैं. एक शहर ऐसा है जिसकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है. ऐसे में सवाल उठता है कि इन 27 शहरों में सबसे साफ शहर कौन है और सबसे गंदा शहर कौन है. इसकी रैंकिंग केंद्र सरकार ने जारी किया है. जिसके मुताबिक बिहार में सबसे साफ सुथरा शहर डेहरी ऑन सोन उसे डालमिया नगर के नाम से भी जानते हैं
बिहार में पहला स्थान- सबसे साफ शहर
डालमिया नगर यानि डेहरी ऑन सोन बिहार का सबसे साफ सुथरा शहर है. ये रोहतास जिला में स्थित है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 37 हजार 231 है. डालमियानगर में 40 वार्ड हैं. ये शहर लगातार साफ सफाई में आगे बढ़ रहा है. इस साल ( साल 2020) इसे पूरे देश में 255वां स्थान मिला है. जबकि साल 2019 में 395वां और साल 2018 में 417वां स्थान मिला था.
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बिहार में दूसरा स्थान
साफ सफाई के मामले में बिहार में दूसरे स्थान पर बेगूसराय शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 2 लाख 52 हजार है. इस शहर में 46 वार्ड हैं. साफ सफाई के मामले में इस साल जबर्दस्त छलांग लगाया है. पूरे देश में इसे इस साल 279 वें स्थान पर रखा गया है. जबकि साल 2019 में 419 वें और साल 2018 में 416वें स्थान पर था
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बिहार में तीसरा स्थान
स्वच्छता के मामले में मुंगेर सूबे में तीसरे पायदान पर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक मुंगेर शहर की आबादी 2 लाख 13 हजार 303 है. मुंगेर में कुल वार्डों की संख्या 46 है. अगर पूरे देश में रैंकिंग की बात करें तो मुंगेर का स्थान साल 2020 में 297वां, साल 2019 में 271वां और साल 2018 में 352वां स्थान था
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बिहार में चौथा स्थान
मुजफ्फरपुर शहर को साफ सफाई के मामले में पूरे बिहार में चौथा स्थान हासिल हुआ है. मुजफ्फरपुर की आबादी 3 लाख 54 हजार 462 है. इस शहर में कुल 50 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक में पूरे देश में मुजफ्फरपुर का स्थान इस साल 299वां है. जबकि साल 2019 में 387वां और साल 2018 में 345वां था
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बिहार में पांचवां स्थान
स्वच्छता के मामले में बिहार में पांचवें स्थान पर पश्चिमी चंपारण का बेतिया शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1लाख 32 हजरा 209 थी. इस शहर में 40 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 303 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 380वें और साल 2018 में 379वें स्थान पर था
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बिहार में छठा स्थान
साफ सफाई के मामले में बिहार में छठे स्थान पर किशनगंज शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1लाख 5 हजार 782 है. इस शहर में 35 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 308 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 305वें और साल 2018 में 342वें स्थान पर था
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बिहार का सातवां शहर
स्वच्छता के मामले में बिहार में सातवें स्थान पर पटना के सैटेलाइट टाउन कहे जाने वाला हाजीपुर शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1लाख 47 हजार 688 है. इस शहर में 40 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 313 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 400 वें और साल 2018 में 375 वें स्थान पर रहा था
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बिहार का आठवां शहर
साफ सफाई के मामले में बिहार में आठवें स्थान पर मिथिलांचल का हृदय कहे जाने वाला दरभंगा है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 2 लाख 96 हजार 39 है. इस शहर में 49 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 331 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 407 वें और साल 2018 में 392 वें स्थान पर रहा था
नौवें स्थान पर राजधानी
स्वच्छता के मामले में राजधानी पटना को बिहार में नौवें स्थान पर रखा गया है. बिहार में एकमात्र ऐसा शहर है. जिसकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक पटना की आबादी 16 लाख 84 हजार 222 है. पटना नगर निगम में 73 वार्ड हैं. अगर बात स्वच्छता सूचकांक की करें तो 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले देश के 47 शहरों में इसे सबसे गंदे शहर यानि 47वें स्थान पर रखा गया है. इससे पहले साल 2019 में 318 वें और साल 2018 में 309वें स्थान पर रहा था.
बिहार में 10वें स्थान पर कौन
साफ सफाई के मामले में बिहार में दसवें स्थान पर शेरशाह का शहर यानि सासाराम है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 47 हजार 408 है. इस शहर में 41 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 338 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 411 वां और साल 2018 में 420 वें स्थान पर था
11वें स्थान पर कौन
स्वच्छता के मामले में बिहार में 11वें स्थान पर बगहा शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 12 हजार 634 है. इस शहर में 36 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 343 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 408 वें और साल 2018 में 376 वें स्थान पर रहा था
बिहार में 12वें स्थान पर कौन
साफ सफाई के मामले में बिहार में 12वें स्थान पर कटिहार है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 2 लाख 26 हजार 261 है. इस शहर में 46 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 349 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 359 वां और साल 2018 में 284 वें स्थान पर था
बिहार में 13वें स्थान पर कौन
स्वच्छता के मामले में बिहार में 13 वें स्थान पर जहानाबाद शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 03 हजार 202 है. इस शहर में 34 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 354 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 402 वें और साल 2018 में 442 वें स्थान पर रहा था
बिहार में 14 वें स्थान पर कौन
साफ सफाई के मामले में बिहार में 14वें स्थान पर मुंगेर का जमालपुर शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 5 हजार 434 है. इस शहर में 37 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 359 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 280 वां और साल 2018 में 439 वें स्थान पर था
बिहार में 15वें स्थान पर कौन
स्वच्छता के मामले में बिहार में 15 वें स्थान पर औरंगाबाद शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 02 हजार 244 है. इस शहर में 34 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 360 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 307 वें और साल 2018 में 358 वें स्थान पर रहा था
बिहार में 16 वें स्थान पर कौन
पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहार साफ सफाई के मामले में बिहार में 16वें स्थान पर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 26 हजार 158 है. इस शहर में 39 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 362 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 368 वां और साल 2018 में 431 वें स्थान पर था
भोजपुरिया दिल को 17 वां स्थान
भोजपुरिया दिल के नाम से मशहूर आरा को साफ सफाई के मामले में बिहार में 17 वां स्थान मिला है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक आरा की जनसंख्या 2 लाख 61 हजार 430 है. इसमें 46 वार्ड हैं. केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सूचकांक में पूरे देश में इस साल इसका स्थान 363 वां रहा. जबकि पिछले साल यानि 2019 में 417 वां और साल 210 में 383 वां रहा था
बिहार में 14 वें स्थान पर कौन
साफ सफाई के मामले में बिहार में 14वें स्थान पर मुंगेर का जमालपुर शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 5 हजार 434 है. इस शहर में 37 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 359 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 280 वां और साल 2018 में 439 वें स्थान पर था
बिहार में 18 वां स्थान किसे मिला
स्वच्छता के मामले में बिहार में 18 वें स्थान पर पूर्णिया शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 2 लाख 82 हजार 248 है. इस शहर में 47 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 364 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 420 वें और साल 2018 में 430 वें स्थान पर रहा था
बिहार में 19 वें स्थान पर कौन
साफ सफाई के मामले में बिहार में 19वें स्थान पर सीवान है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 35 हजार 66 है. इस शहर में 39 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 367 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 393 वां और साल 2018 में 389 वें स्थान पर था
20 वें स्थान पर दानापुर
पटना का सैटेलाइट टाउन दानापुर को साफ सफाई के मामले में बिहार में 20वां स्थान हासिल हुआ है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 82 हजार 429 है. इस शहर में 41 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 368 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 422 वां और साल 2018 में 405 वें स्थान पर था
बिहार में 21 वें स्थान पर कौन
स्वच्छता के मामले में बिहार में 21 वें स्थान पर छपरा शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 2 लाख 02 हजार 352 है. इस शहर में 46 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 369 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 424 वें और साल 2018 में 411 वें स्थान पर रहा था
बिहार में 22 वें स्थान पर कौन
साफ सफाई के मामले में बिहार में 22 वें स्थान पर सहरसा है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 56 हजार 540 है. इस शहर में 41 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 373 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2019 में 425 वां और साल 2018 में 462 वें स्थान पर था
23वें स्थान पर स्मार्ट सिटी बिहारशरीफ
पीएम मोदी के 100 स्मार्टसिटी में से एक बिहारशरीफ साफ सफाई के मामले में फिसड्डी साबित हुआ है. बिहार के 27 शहरों में 23वां स्थान मिला है. यानि बिहार के सबसे गंदे शहरों में 5 वें स्थान है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक बिहारशरीफ की आबादी 2 लाख 97 हजार 268 है. बिहारशरीफ नगर निगम क्षेत्र में 47 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक की बात करें तो बिहारशरीफ को इस साल देश में 374 वां स्थान मिला है. जबकि पिछले साल यानि साल 2019 में 391वां और साल 2018 में 392वां स्थान हासिल हुआ था
बिहार में 24वें स्थान पर कौन
साफ सफाई के मामले में सारण का परसा बाजार फिसड्डी साबित हुआ है. परसा बाजार बिहार का चौथा सबसे गंदा शहर है. साफ सफाई के मामले में ये 24वें स्थान पर है . साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसकी आबादी 1 लाख 58 हजार 838 है. इस शहर में 23 वार्ड हैं. स्वच्छता सूचकांक के मामले में पूरे देश में इस साल 378 वें स्थान पर रहा. जबकि साल 2018 में 446 वें स्थान पर था
बिहार में 25वें स्थान पर कौन शहर
बिहार के स्मार्टसिटी परियोजना में शामिल शहरों में भागलपुर की भी गिनती होती है. ये बिहार का तीसरा सबसे गंदा शहर है. स्वच्छता सूचकांक में इसे बिहार में 25वां स्थान मिला है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भागलपुर की आबादी 4 लाख 146 है. भागलपुर में 52 वार्ड हैं. केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सूचकांक में भागलपुर देश के पांच सबसे गंदे शहरों में से एक है. इस साल पूरे देश में इसे 379वां स्थान मिला है. जबकि पिछले साल यानि साल 2019 में 412 वां और साल 2018 में 446वां स्थान मिला था
बिहार में 26 वें स्थान पर कौन शहर
बिहार का ऐतिहासिक बक्सर शहर सूबे का नहीं देश का भी दूसरा सबसे गंदा शहर है. स्वच्छता सूचकांक में इसे बिहार में 26 वां स्थान मिला है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भागलपुर की आबादी 1 लाख 2 हजार 861 है. बक्सर में 35 वार्ड हैं. केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सूचकांक में बक्सर देश का दूसरा सबसे गंदा शहर है. इस साल पूरे देश में इसे 381 वां स्थान मिला है. जबकि पिछले साल यानि साल 2019 में 416 वां और साल 2018 में 412 वां स्थान मिला था
बिहार का सबसे गंदा शहर
देश का सबसे गंदा शहर बिहार में है तो जाहिर सी बात है कि वो बिहार का भी सबसे गंदा शहर होगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं तीर्थस्थली गया की. पितृपक्ष मेला और विष्णुपद को लेकर दुनिया भर में मशहूर गया देश का सबसे गंदा शहर है. बिहार में पटना के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला भी शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक गया की आबादी 4 लाख 68 हजार 614 है. गया शहर में 54 वार्ड हैं. केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सूचकांक में गया को 382 वां स्थान मिला है. जबकि साल 2019 में 401 वां और साल 2018 में 418वां स्थान मिला था।